नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों (Farm Laws)के खिलाफ कांग्रेस सड़क पर उतर आई है. गुरुवार को दिल्ली पुलिस की रोक के बावजूद कांग्रेस ने मार्च निकाला. इस पर पुलिस ने प्रियंका गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया. वहीं, राहुल गांधी के नेतृत्व में चंद नेताओं को राष्ट्रपति से मिलने की इजाजत दी गई. पत्रकारों से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि डराना, धमकाना और हिरासत में लेना, ये इनका यानी सरकार का काम है. एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि, ‘किस देश की बात कर रहो हो आप-इंडिया में कोई डेमोक्रेसी नहीं है.’ Priyanka Rahul Democracy India
Delhi Police take Priyanka Gandhi and other party leaders to Mandir Marg Police Station in New Delhi. https://t.co/YHBbXmF8nC pic.twitter.com/IDKwfV7N3a
— ANI (@ANI) December 24, 2020
कृषि कानूनों के विरोध में गुरुवार को कांग्रेस ने राष्ट्रपति भवन तक मार्च प्रस्तावित किया था. सुबह को राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे और पार्टी नेताओं के साथ चर्चा की. इस दौरान कांग्रेस ने देशभर के किसानों से कानून के विरोध में कराए गए करीब 1.75 करोड़ हस्ताक्षर पत्र दो मिनी ट्रकों में भरवाए. ये ट्रक भी कांग्रेस दफ्तर के बाहर खड़े थे. इस बीच दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस दफ्तर के बाहर धारा-144 लगा दी.
इसके बाद भी कांग्रेस नेताओं ने कार्यालय के बाहर सड़क पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसमें प्रियंका गांधी, शशि थरूर समेत कई सांसद और अन्य नेता शामिल थे. पुलिस ने मार्च को रोक दिया और प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया. उनके साथ अन्य नेताओं को डीटीसी बस में बिठाकर भेज दिया गया है. इस घटनाक्रम के बीच राहुल गांधी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले और उन्हें 1.75 करोड़ किसानों के विरोध का मैमोरेंडम सौंपा है. इसमें कानून रद किए जाने की मांग की है.
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों का किसान कड़ा विरोध कर रहे हैं. देशभर के हजारों किसान इसके खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. सिंघु बॉर्डर पर पिछले 29 दिनों से किसानों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है. बुधवार को किसान नेताओं ने आंदोलन को दूसरे राज्यों में भी विस्तार देने का पत्र जारी किया था. सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, जो बेनतीजा रही.
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