द लीडर हिंदी : दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल ने CAA को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. बता दें बीजेपी सरकार द्वारा देश भर में नागरिकता (संसोधनन) अधिनियम (CAA) को लागू कर दिया गया है. इस कानून के साल 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को देश की नागरिकता दी जाएगी.वही सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीजेपी पर बरस पड़े. उन्होंने बीजेपी पर भारतीय नागरिकों से ज्यादा विदेशियों के हितों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया है.
राजधानी में प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने नागरिकता संशोधन कानून के औचित्य पर सवाल उठाया. इसके अलावा सीएम ने सीएए लागू होने के बाद अल्पसंख्यकों के भारत में संभावित आमद पर भी चिंता जताई.इस दौरान मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि आखिर सीएए क्या है? सीएम ने सीएए के तहत अल्पसंख्यकों को नागरिकता दिए जाने के औचित्य पर सवाल उठाया.केजरीवाल ने कहा कि इस कदम से भारत में अल्पसंख्यकों की संख्या में तेज वृद्धि हो सकती है.
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जब भारत व्यापक स्तर पर बेरोजगारी और आवास की समस्या से जूझ रहा है, ऐसे में अगर बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों की आमद होती है, तो यह हमारे लिए बड़ी चुनौती हो सकती है.
आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्या महंगाई और बेरोजगारी
बीजेपी सरकार पर जमकर वार करते हुए केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार ने सीएए लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया है. 10 साल देश पर राज करने के बाद आखिरी वक्त में चुनाव के पहले इन लोगों को सीएए की बात करनी पड़ रही है. अगर 10 साल में कुछ अच्छा काम कर लेते तो शायद आज सीएए की जगह अपने कामों पर वोट मांग रहे होते.आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्या महंगाई और बेरोजगारी की है.किसी को भी घर चलाना मुश्किल हो रहा है. इतनी ज्यादा महंगाई हो गई है, कमरतोड़ महंगाई हो रही है. उधर हमारे युवा दर दर की ठोकरे खा रहे हैं. रोजगार के लिए उनके ऊपर डंडे, लाठियां बरसाई जा रही है. ऐसे में सरकार बेरोजगारी और महंगाई का समाधान ढूंढने की बजाय सीएए की बात कर रही है तो ये बड़े दुख की बात है.
केजरीवाल यहीं नहीं रूके उन्होंने दावा किया कि पिछले दस सालों में 11 लाख से ज्यादा व्यापारी और उद्योगपति इनकी नीतियों और अत्याचारों से तंग आकर देश छोड़कर चले गये. उन्हें वापस क्यों नहीं लाया जा रहा है. ये पड़ोसी देश के गरीबों को लाकर भारत में बसाना चाहते हैं. क्यों, सिर्फ अपना वोट बैंक बनाने के लिए.