सीएम केजरीवाल को बड़ा झटका, गिरफ्तारी को गैर कानूनी ठहराने वाली याचिका खारिज, कोर्ट ने कई कड़ी टिप्‍पणी की

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द लीडर हिंदी : राजधानी दिल्ली से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है. सीएम केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है. गिरफ्तारी को गैर कानूनी ठहराने वाली याचिका खारिज हो गई है. शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा कि याचिका जमानत के लिए नहीं है. याचिका में याचिकाकर्ता ने हिरासत को गलत बताया है. याचिका में हिरासत को चुनौती दी गई है. यह फैसला जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने सुनाया.

बता दें कोर्ट ने कहा कि दस्तावेज के मुताबिक केजरीवाल साजिश में शामिल हैं. गवाहों पर शक करना कोर्ट पर शक करने जैसा है. मुख्यमंत्री को विशेषाधिकार नहीं है. जांच, पूछताछ से सीएम को छूट नहीं मिलेगी. कोर्ट ने कहा कि ईडी के पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं.

इस याचिका पर हाईकोर्ट लगा चुका है फटकार
आपको बता दें दिल्ली सीएम केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का मान नहीं ले रही है. हाईकोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पद से हटाने की मांग को लेकर याचिका दायर करने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के एक पूर्व विधायक संदीप कुमार को कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने कहा इसी मुद्दे पर पहले ही दो याचिकाएं खारिज की गई हैं और यह मात्र प्रचार पाने के लिए है. ऐसे में उन पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए.

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ को स्थानांतरित करते हुए कहा कि उस पीठ ने पहले भी इसी तरह की याचिकाओं पर सुनवाई की थी. हालही में पीठ ने इसी तरह के सभी मामलों को एक साथ सुनवाई करने का निर्देश देते हुए अपने पास याचिकाएं स्थानांतरित कर ली थी. केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली यह तीसरी याचिका है.

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केजरीवाल शराब घोटाले की साजिश में शामिल है- हाईकोर्ट
दिल्‍ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका जमानत के लिए तो लगाई ही नहीं गई थी. इस याचिका में गिरफ्तारी पर सवाल उठाए गए. जज ने माना की प्रथम दृष्टिया यह पाया गया है कि दिल्‍ली के सीएम शराब घोटाले की साजिश में शामिल हैं.

कोर्ट ने कहा सरकारी गवाहों की सत्यता को परखने का काम कोर्ट का है. ये कानून 100 साल से पुराना है. कभी भी अप्रूबर बनाए जाने के कानून पर सवाल नहीं उठे. हाईकोर्ट ने कहा कि ये पहला मामला नहीं है जब अप्रूवर के बयान दर्ज किए गए हो. इससे पहले कई मामले में दर्ज किए गए है. कोर्ट ने कहा कि रेड्डी के बयान को लेकर भी सवाल उठाए गए.