दारुल उलूम ने लगाई पाबंदी, तीन तलाक पर बिना आईडी जारी नहीं किया जाएगा फतवा

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द लीडर हिंदी: इस्लाम धर्म द्वारा फतवे जारी को लेकर अक्सर बहस और अवाज़ा उठाई जाती है. हिंदू जहां अक्सर जारी फतवों का विरोध करता है. तो वही मुस्लमान के लिये ये काफी अहम माना जाता है. आसान शब्दों में कहा जाए तो इस्लाम से जुड़े किसी मसले पर क़ुरान और हदीस की रोशनी में जो हुक़्म जारी किया जाए वो फ़तवा है.जिसको फतवा कहते है.इसी बीच फतवे को लेकर पाबंदी लग देने की खबर सामने आ रही है. उत्तर प्रदेश के देवबंद स्थित दारुल उलूम ने तीन तलाक पर बिना आईडी के किसी भी सवाल पर फतवा देने पर पाबंदी लगा दी है. तीन तलाक को 30 जुलाई 2019 को अवैध और असांविधानिक घोषित कर इसे दंडनीय अधिनियम बना दिया गया था. इसके बाद इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम में तीन तलाक पर हालांकि फतवों की संख्या न के बराबर हो गई.

इसके बावजूद ऑनलाइन फतवा विभाग से तीन तलाक से संबंधित सवाल पूछे जाते रहे हैं. मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी का कहना है कि बिना आईडी के तीन तलाक पर सवाल पूछने वाले को कोई जवाब नहीं दिया जाता अब वास्तविक आईडी वाले व्यक्ति के सवाल पर ही वाजिब जवाब दिया जाता है. बता दें, कि दारुल उलूम में साल 2005 में ऑनलाइन फतवा विभाग शुरू किया गया जिससे देश-विदेश से बड़ी संख्या में मुफ्तियों से सवाल पूछे जाने लगे.

जानें बहस का मुद्दा बने कुछ चर्चित फतवे

मुस्लिम महिलाओं को नेल पॉलिश नहीं लगाना चाहिए. महिलाओं को नाखून पर नेल पॉलिश की बजाय मेहंदी का इस्तेमाल करना चाहिए. नेल पॉलिश गैर इस्लामिक है. एक अन्य फतवे में कहा गया कि मुस्लिम महिलाओं को आईब्रो नहीं बनवाना चाहिए. आईब्रो बनवाना, वैक्सिंग करवाना या फिर बाल कटवाना गैर इस्लामिक है. इसके अलावा चुस्त व तंग बुर्का और लिबास पहनना भी जायज नहीं. एक अन्य फतवे में कहा गया था कि गैर मर्द का अजनबी औरतों को चूड़ी पहनाना नाजायज और गुनाह है. सोशल मीडिया पर महिलाओं की फोटो डाले जाने को भी दारुल उलूम के एक फतवे में नाजायज बताया गया था. इनके अलावा कई ऐसे फतवे हैं.जो काफी चर्चाओं में रहे.https://theleaderhindi.com/stock-market-fluctuations-sensex-rises-386-points-to-all-time-high-of-77079/