एक सप्ताह के लिए बढ़ाया गया उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू

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लीडर देहरादून।

हालात कुछ बेहतर होते दिख रहे हैं, इसमें लोगों की सीमित आवाजाही की भूमिका है, इसलिए उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। पहले हल्की शर्तें हैं। सब ठीक रहा तो एक जून से ज्यादातर क्षेत्र कर्फ्यू मुक्त हो जाएंगे।

उत्तराखंड सरकार ने पहले कोरोना कर्फ्यू 25 मई की सुबह तक बढ़ाया था। कोरोना के मामलों में कमी आने पर सरकार अभी छूट देने के पक्ष में नहीं है। ताकी कोरोना की चेन को पूरी तरह से तोड़ा जाए। अब इसकी अवधि को बढ़ाकर एक जून की सुबह तक कर दी गई है।
सरकार के प्रवक्ता वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि राज्य में अब जरूरी सेवा से जुड़ी दुकानें अब 7 बजे की जगह 8 से 11 बजे तक खुलेंगी। परचून व राशन की दुकानें 28 मई को सुबह 8 से 12 बजे तक खुलेगी। इस दौरान मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने कैबिनेट के सहयोगियों से विचार विमर्श करने के बाद कोरोना कर्फ्यू बढ़ाने का निर्णय लिया है।
उनियाल ने बताया कि अब दूध, सब्जी, मीट, मछली और अन्य जरूरी सेवा से जुड़ी दुकानें अब सुबह 7 से 10 की जगह 8 से 11 बजे तक खुलेंगी। इसके अलावा परचून व राशन की दुकानें अब 28 मई को परचून की दुकानों को एक दिन ही खोलने की अनुमति दी जा रही है। इस दौरान लोग जरूरी सामान और राशन खरीद सकते हैं। उनियाल ने कहा कि पिछले कई दिनों से कोविड का ग्राफ प्रदेश में कम होता हुआ दिख रहा है, लेकिन अपने स्तर से सरकार पूरी तरीके से इसकी रोकथाम में जुटी हुई है। प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा ही सरकार के सबसे पहली प्राथमिकता है। लिहाजा भविष्य में कोरोना आंकड़ों में कमी आएगी तो तात्कालिक परिस्थितियों के अनुसार कोविड में ढील दी जा सकेगी।

स्थानांतरण सत्र शून्य

कोरोना की वजह से उत्तराखंड सरकार ने 2021-22 का स्थानांतरण सत्र शून्य घोषित कर दिया है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश द्वारा जारी आदेश कहा गया है कि वर्ष 2021-22 के लिए वित्तीय दृष्टिकोण से प्रत्येक संवर्ग के 10 प्रतिशत अथवा चुनावी आचार संहिता के अनुरूप वांछित स्थानान्तरण किये जाने के निर्देश दिये गये थे।
मुख्य सचिव के मुताबिक कोविड कर्फ्यू में आर्थिक गतिविधियां बन्द होने के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसी दशा में कार्मिकों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा आदि किये जाने पर संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहेगी।अतः निर्वाचन आचार संहिता एवं प्रशासनिक कारणों को छोड़कर वर्तमान स्थानान्तरण सत्र 2021-22 को शून्य किया जाता है।

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