द लीडर : मुल्क में कोरोना की दूसरी लहर है. दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में लॉकडाउन है. इससे आर्थिक संकट गहराया है. गरीबों के सामने दोहरी चुनौती है. एक बीमारी-दूसरी कोरोना की. जो पहले से बीमार हैं, उनके सामने इलाज का संकट है. रमजान में अल्लाह हर नेकी का 70 गुना सबाब देता है. इसलिए साहिबे निसाब (आर्थिक रूप से सक्षम) मुसलमान दिल खोलकर मदद करें. जकात की रकम ऐसे लोगों को दें, जो बीमार हैं. और उन्हें दवा की सख्त जरूरत है. (Coronation Zakat Sajjadanshin Dargah Ala Hazrat Muslims)
रमजान में जिन लोगों के पास खाने-पीने का अभाव है. उनका खास ख्याल रखें. दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती असहन मियां ने ये अपील की है. टीटीएस के माध्यम से पैगाम जारी करते हुए कहा कि आमदनी पर 2.5 प्रतिशत जकात बनती है. जिस मुसलमान के पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े बावन तोला चांदी है. या इस कीमत की चल-अचल संपत्ति है, तो उन पर ढाई प्रतिशत जकात फर्ज है.
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इस रकम से अनाथ, बीमार, मजदूर, विधवा और अन्य परेशान हाल लोगों की जकात व फितरा के माध्यम से मदद करें. ये रकम भाई-बहन, चाचा-मामू, फूफी और खाला या सास-ससुर को दी जा सकती है. यतीमखानों, मदरसों में दी जा सकती है. हालांकि मां-बाप, दादा-दादी, नाना-नानी और बेटा-बेटी, पोता-पोती को जकात नहीं दी जा सकती है.
दरगाह आला हजरत-सुन्नी मुसलमानों का मरकज है. दुनिया के विभिन्न हिस्सों के लोगों का यहां से यकीदा है. पिछले साल भी दरगाह से कोरोना पीड़ितों की मदद के साथ गरीबों को राशन-पानी और दवा मुहैया कराने जाने की अपील जारी हुई थी. (Coronation Zakat Sajjadanshin Dargah Ala Hazrat Muslims)