नई दिल्ली। नोएडा के गांवों में कोरोना कहर बरपा रहा है. आंकड़ों की बात करें तो ग्रेटर नोएडा के दुजाना गांव में बीते 10 दिन में अब तक करीबन 19 लोगों की मौत हो चुकी है. शाहबेरी गांव में करीबन 21 लोगों की मौत हो चुकी है.
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वायरस का गांवों में कहर
जलालपुर, अच्छेजा और आस-पास के गांव में 15 दिन में करीबन 23 लोगों की मौत हो चुकी है. बिसरख में 16 और सूरजपुर में 7 लोगों की मौत हो चुकी है. देश में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा जा है. अब वायरस गांवों तक पहुंच गया है.
इतनी मौतों के बाद गांवों में नहीं हुई टेस्टिंग
गौतमबुद्ध नगर के कई गांवों में वायरस फैलने से अब तक करीब 70 लोगों की मौत हो चुकी है. गांवों में इतनी मौतों के बाद टेस्टिंग शुरू नहीं की गई. मृतकों में कोरोना के सभी लक्षण जैसे बुखार, खांसी-जुकाम, बदन दर्द थे.
मौतों को लेकर लोग चिंतित
लोग इन मौतों को लेकर चिंतित हैं. इतनी अधिक संख्या में मौतों के बाद भी गांवो में न तो टेस्टिंग की सुविधा पहुंच पाई है, न ही सेनिटाइजेशन करवाया जा रहा है. मौतों के बाद से दहशत का आलम ये है कि, गांवो की सड़कें सुनसान पड़ी हैं, अगर लोग बाहर भी निकल रहे हैं तो सारी सावधानी बरत रहे हैं.
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गांव में किसी तरह की सुविधा नहीं है
किसान नेता मनवीर भाटी ने बताया कि, उनके गांव बिसरख में अब तक 15 मौतें हो चुकी हैं, हालांकि हमसे बात करने के कुछ देर बाद ही उनके पिता का भी देहांत हो गया, वो भी कोरोना से पीड़ित थे. उन्होंने बताया कि गांव में किसी तरह की सुविधा नहीं है, न टेस्टिंग, न ही ट्रेसिंग. प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए.
गांवों में टेस्टिंग कराने की अपील
वहीं कलेक्ट्रेट सूरजपुर के बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष अतुल शर्मा ने बताया कि उनके गांव सूरजपुर में कई लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है, लेकिन गांव में किसी तरह की टेस्टिंग की सुविधा नहीं है. उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि, यहां टेस्टिंग करवाई जाए. हालांकि, गांवों में इतनी मौतों के बाद जिला प्रशासन हालात संभालने के कोशिशों में जुटा है.
सामुदायिक केंद्र कोविड सेंटरों में तब्दील
जिला कोविड नोडल अधिकारी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण कई गांवों में संक्रिमत लोगों के परिजनों से मिल रहे हैं. और उनका हाल चाल जान रहे हैं. वहीं जेवर और दादरी के सामुदायिक केंद्रों को प्रशासन ने कोविड सेंटरों में तब्दील कर दिया गया है. जिला प्रशासन का कहना है कि, गांवों में वैक्सीनेशन और सेनिटाइजेशन को तेज किया जा रहा है.
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