
द लीडर हिंदी : यूपी के ज़िला बरेली में तनख़्वाह मिलने के बावजूद ऊपर की कमाई के लालच में एक और बाबू ने अपनी सर्विस बुक पर दाग़ लगा लिया है. उसे कलेक्ट्रेट स्थित चकबंदी अधिकारी अनुराग दीक्षित के कार्यालय से पकड़ा गया है. जिसे पकड़ा गया है, वो उनका पेशकार है और नाम अभय सक्सेना है. इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निवारण संगठन के दफ़्तर पहुंचकर क़िला के रहने वाले बुज़ुर्ग दंपति विजय अग्रवाल और सुधा अग्रवाल के मैनेजर सुनील कुमार ने की थी. बताया कि खतौनी पर नाम चढ़ाने की एवज में चकबंदी अधिकारी दफ़्तर में 50 हज़ार रुपये मांगे जा रहे हैं.

तब एंटी करप्शन की टीम ने पेशकार को पकड़ने के लिए जाल बिछाया. टीम सुबह क़रीब साढ़े 10 बजे कलेक्ट्रेट पहुंची. जैसे ही सुनील कुमार ने 50 हज़ार में बतौर किश्त 10 हज़ार रुपये पेशकार अभय सक्सेना को थमाये एंटी करप्शन की टीम ने उसे दबोच लिया. वहां से कोतवाली ले गए. मुक़दमा दर्ज कराया. उसके बाद अब जेल भेजे जाने की तैयारी है. इसी के साथ पेशकार पर निलंबन की तलवार और चकबंदी अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.https://theleaderhindi.com/america-broke-its-silence-on-the-allegations-of-whether-america-has-a-hand-in-the-bangladesh-conflict-gave-this-reaction/