द लीडर : इंटरनेट की मायावी दुनिया में न जाने कितने तरह के दैत्य हैं. सुल्ली डील्स के बाद बुल्ली-बाई एप पर मुस्लिम लड़कियों की नीलामी करने वाले दैत्यों की करतूत तो आप देख ही चुके हैं. अब क्लब हाउस पर भी उनकी गंध बाहर आई है. जहां मुस्लिम लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर घर वापसी का मंत्र बांटा गया. इसकी ऑडियो चैट बाहर आने के बाद मुंबई के साइबर सेल ने तीन आरोपियों को ग़िरफ़्तार किया है. जिसमें आकाश, जैशनव कक्कड़ और यश पारशर शामिल है. (Club House Muslim Girls)
ख़ास बात ये है कि क्लब हाउस चैट में जब मुसलमान लड़कियों के यौन उत्पीड़न की जो गंध फैलाई जा रही थी, उसमें कई लड़कियां भी शामिल थीं. जो बाकयदा मुसलमान लड़कियों के ख़िलाफ घिनौने अपराध की हिमायत करती दिखीं.
पिछले साल जुलाई में सुल्ली डील्स एप पर मुस्लिम लड़कियों के फोटो लगाकर बोली लगाई थी. उस मामले में पूरे छह महीने तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. अभी एक जनवरी को जब सुल्ली डील्स पर दोबारा 100 से ज़्यादा मुस्लिम लड़कियों की नीलामी की गई. और ये मुद़्दा पूरी दुनिया में गूंजने लगा. तब एक्शन शुरू हुआ. उस मामले में भी मुंबई पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया. बाद में दिल्ली पुलिस भी हरकत में आई. (Club House Muslim Girls)
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#SulliDeals and #BulliDeals are just the tip of the iceberg
Here a bunch of young híndú girls and boys are discussing on @Clubhouse on how violating a Muslim girl is equal to building 7 temples.
I bet such discussion are a regular in drawing rooms and at dining tables of Híndús. pic.twitter.com/xahfiEiiqg— Tanvir (@Tanvir_Ansari) January 17, 2022
क्लब हाउस को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पुलिस को नोटिस दिया. और आरोपियों के ख़िलाफ सख़्त एक्शन लेने की मांग की.
लेकिन सवाल ये है कि मुस्लिम लड़कियों को लगातार निशाना क्यों बनाया जा रहा है? और इस दुस्साहस का हौसला कहां से मिल रहा है? इसे इंटरनेट पर कुछ मानसिक विक्षिप्तों की हकरत भर समझकर नजरंदाज नहीं किया जा सकता है. (Club House Muslim Girls)
DCW seeks FIR against persons making obscene comments against Muslim women on an app ‘Clubhouse’. @DelhiPolice pic.twitter.com/TkXktxnZH1
— Delhi Commission for Women – DCW (@DCWDelhi) January 18, 2022
इसलिए भी क्योंकि सिलसिलेवार तरीके़ से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. सुल्ली डील्स पर तो गृहमंत्री अमित शाह तक से कार्रवाई की मांग हुई. लेकिन छह महीने तक हुआ कुछ भी नहीं. आख़िर क्यों-सवाल तो यही है. जब एक समुदाय की महिलाओं के ख़िलाफ इंटरनेट पर हिंसक और आपराधिक घटनाओं को अंज़ाम देने की घिनौनी वारदातें हो रही हैं. लॉ इंफोर्समेंट संस्थाएं क्यों सन्नाटें में रहती हैं. (Club House Muslim Girls)