Cloud Burst : अमरनाथ से हिमाचल प्रदेश तक बादल फटने से कई जिंदगियां दफन, रामनगर में पर्यटकों की कार बही, 9 की मौत

द लीडर। इन दिनों पहाड़ों पर कुदरत गुस्से में है। अमरनाथ यात्रा में बादल फटने के बाद हिमाचल प्रदेश में भी बादल फटा है। वहीं इससे पहले उत्तराखंड के रामनगर में आई बाढ़ में एक कार बह गया थी जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। पहाड़ पर लगातार बादल फटने की घटना से लोगों में खौफ का माहौल देखने को मिल रहा है।

आसमान से आई आफत फकत चंद मिनट की होती है। लेकिन इससे उबरने में वर्षों लग जाते हैं। बादल की शक्ल में मॉनसून से लिपटकर आई बारिश और फिर सैलाब ने हाल ही में उत्तराखंड और हिमाचल के कई इलाकों को प्रभावित किया। लेकिन शुक्रवार देर शाम अमरनाथ में बादल फटने से तबाही मच गई। जिसमें 16 लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं 40 से ज्यादा लोग अभी भी लापता है।

हिमाचल प्रदेश में दूसरी बार फटा बादल

कल जहां अमरनाथ में बादल फटा तो वहीं कल शाम ही हिमाचल प्रदेश में दूसरी बार बादल फटने की घटना सामने आई है। फिलहाल वहां अभी जान माल का नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन लोगों का हाल बेहाल दिख रहा है।

बता दें कि, सदियों से कुदरत ने जब जब अपना तेवर बदला तो तबाही के निशान छोड़े है। कुदरत के कहर ने पल भर में इंसान और इंसानी बस्तियों को मिटा दिया। कुदरत ने कई बार अनगिनत जिंदगियों को हमेशा के लिए खामोश कर दिया है।


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बादल फटने से 90 करोड़ का नुकसान

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में बादल फटने से 13 मवेशी बह गए। वहीं अब तक इस घटना से 90 करोड़ रूपए का नुकसान हो गया है। हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बीते 24 घंटे के दौरान भारी बारिश ने खूब तबाही मचाई है। हिमाचल में घुमारवीं के पास सुबह करीब देर रात बादल फटने के बाद बाढ़ ने खूब तांडव मचाया। जिसमें 3 गौशालाएं और 13 पालतू पशु इसकी चपेट में आ गए।

इसके साथ ही 3 भैंस 10 बकरियां पानी के बहाव में बह गए। कई घर भी बाढ़ के पानी में बह गए और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए है। राज्य आपदा प्रबंधन के मुताबिक, बरसात के कारण प्रदेशभर में 126 बिजली के ट्रांसफार्मर और 17 लड़के वाहनों की आवाजाही के लिए अवरुद्ध पड़ी है।

6 जुलाई को भी मणिकर्ण घाटी में फटा था बादल

वहीं से पहले भी 6 जुलाई को हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण कुल्लू जिले में मणिकर्ण घाटी में बादल फट गया था। जिस कारण वहां बाढ़ आ गई थी और दर्जनों गांव और कैपिंग साइड बह गए थे। जिसमें 3 लोगों की मौत भी हुई थी। मणिकर्ण घाटी में बादल फटने से पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया था। और स्थानीय नाले में भयंकर बाढ़ आने के चलते 4 लोग बह गए थे।

अमरनाथ में फटा बादल, मची तबाही

शुक्रवार देर शाम जहां अमरनाथ में बादल फटने से तबाही मच गई। वहीं हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई 40 से ज्यादा लोग अब भी लापता है। फिलहाल अमरनाथ में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। एनडीआरएफ और एसटीएफ की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है।

अमरनाथ में अभी भी तबाही का मंजर है। लापता लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। वहीं कल बादल फटने के बाद पवित्र गुफा के बगल से बाढ़ आने से वहां कई टेंट बह गए थे। जिसमें कई लोग भी पानी के तेज बहाव में बहे। अमरनाथ में बादल फटने के बाद यात्रा को रोक दिया गया। फिलहाल कई जगह यात्रा बंद कर दी गई है।

अमरनाथ के बाद आज डोडा में फटा बादल

अमरनाथ में शुक्रवार देर शाम बादल फटने के बाद आज जम्मू कश्मीर के डोडा गुंटी वन क्षेत्र में बादल फटा है। जिससे वहां बाढ़ के हालात बन गए हैं। कई गाड़ियां मिट्टी में धंस गई हैं तो कई हाईवे और रास्ते ब्लॉक हो गए हैं। इसके साथ ही आर्मी कैंप में भी बाढ़ का पानी घुस गया है।

डोडा में फटा बादल

हालांकि अभी किसी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है। लेकिन इलाके में वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बताया जा रहा है कि, सुबह करीब 4 बजे बादल फटा था। जिससे वहां बाढ़ के हालात पैदा हो गए और कई रास्ते बंद हो गए। फिलहाल रास्तों को खोला जा रहा है और प्रभावित हुए लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।

रामनगर में नदी के तेज बहाव में कार पलटी, कई की मौत

शुक्रवार को उत्तराखंड के रामनगर में सुबह करीब 6 बजे पर्यटकों की कार ढेला नदी में पलट गई। हादसे के समय पुल पर तेज बहाव था और कार का संतुलन बिगड़ने से वह पलट गई। कार में सवार 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद हुए रेस्क्यू में 1 लड़की और एक बच्चे को बचा लिया गया। दोनों को रामनगर अस्पताल में भर्ती किया गया।

रामनगर में नदी के तेज बहाव में कार पलटी, 9 लोगों की मौत

बताया जा रहा है कि, कार सवार सभी लोग ढेला के ही एक रिसॉर्ट में रुके थे। सभी ऑर्केस्ट्रा ग्रुप से जुड़े हुए थे और कार्यक्रम से वापस लौट रहे थे। वहीं ​कुमाऊं रेंज के डीआईजी आनंद भरण ने बताया कि, मरने वालों में कई लोग पंजाब के पटियाला के रहने वाले थे। सुबह से हो रही भारी बारिश के चलते नदी उफान पर थी, जिसके कारण हादसा हुआ।

बता दें कि, पहाड़ी इलाकों वाले राज्यों में बादल फटने की घटना कोई नई नहीं है। इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हुई और दर्जनों लोगों की मौत हुई। हर साल पहाड़ी राज्यों में बादल फटने की घटनाएं सामने आती है। जिसमें कई जिंदगियां काल के गाल में समा जाती हैं।

पिछले 7 सालों में बादल फटने की घटनाएं

1 मई 2021: उत्तराखंड में टिहली जिले के देवप्रयाग में बादल फटने से तबाही मच गई। देवप्रयाग में तीन मंजिला बिल्डिंग तक बाढ़ का पानी पहुंचा। इस घटना में कई इमारतें और दुकान को नुकसान पहुंचा, नदी से आए मलबे के कारण पूरा क्षेत्र मलबे से पट गया इससे बिजली की लाइन, पेयजल लाइन और अन्य जरूरी सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हुई।

2 जुलाई 2020: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने और तेज बारिश के कारण यहां के दो गांवों में तबाही का मंजर दिखा 3 लोगों की मौत हुई और 9 लोगों के लापता होने की खबर आई. इस घटना में पिथौरागढ़ के तागा गांव और मेला गांव में दर्जनों घर ध्वस्त हो गए.

28 मई, 2016: उत्तराखंड के टिहरी जिले में तेज बारिश और बादल फटने की घटना ने तबाही मचाई, आधा दर्जन गांवों में सब-कुछ तहस-नहस हो गया 100 से ज्यादा जानवरों की मौत हो गई. चार धाम यात्रा के श्रद्धालु चार धाम यात्रा के तीर्थयात्री भी सड़कों पर फंसे रहे। लम्बे समय तक यहाँ का जन-जीवन प्रभावित रहा.

अगस्त 2015: हिमाचल प्रदेश के धरमपुर में बादल फटने से एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत हुई बादल फटने के बाद आई बाढ़ ने जिले में तबाही मचाई, बाढ़ के कारण धर्मपुर बस स्टेशन डूब गया और आवागमन ठप हो गया कई दिनों तक बाद की स्थिति बनी रही.

5 जुलाई, 2015: कश्मीर में बादल फटने की घटना ने जमकर तबाही मचाई, जुलाई में करीब लगातार बादल फटने की घटनाएं हुई, दस लोगों की मौत हुई तबाही का सबसे ज्यादा असर घाटी के बड़गाम कुपवाड़ा और गंदेरबल क्षेत्र में हुआ।

क्यों होती है बादल फटने की घटना ?

जब किसी जगह पर अचानक बहुत तेज बारिश हो जाए तो इसे बादल फटना कहते हैं इसे वैज्ञानिक भाषा में क्लाउडबर्स्ट या फ्लैश फ्लड भी कहा जाता है, अचानक बहुत भारी बारिश होना ही बादल फटना है। बादल फटने की घटना में बहुत कम समय में अत्यधिक बारिश होती है।

सामान्य तौर पर धरती की सतह से 12-15 किलोमीटर की ऊंचाई पर बादल फटने की घटना होती है। यह अलग से कोई घटना नहीं है, बल्कि भारी बारिश का हिस्सा है, जब करीब 100 मिलीमीटर प्रति घंटे की दर से बारिश होती है तो उस स्थिति को बादल फटना कहते है।

हर साल सामने आती है बादल फटने की घटनाएं 

पहाड़ी राज्यों में हर साल बादल फटने की घटनाएं सामने आती है। फिलहाल देश के कई राज्यों में इन दिनों भारी बारिश हो रही है। बिहार, असम और उत्तराखंड जिले में भारी बारिश के कारण हाल बेहाल है। वहीं अमरनाथ में भी बादल फटने से श्रद्धालुओं में खौफ देखने को मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश में भी एक हफ्ते में दो बार बादल फटने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।


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indra yadav

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