द लीडर। काफी लंबे समय बाद आज अमेरिका ने 9/11 का बदला ले लिया है। सीआईए ने 11 साल बाद आतंकवाद पर सबसे बड़ा हमला करते हुए 71 साल के अल-क़ायदा नेता अयमान अल-ज़वाहिरी को काबुल में मार दिया है, जिन पर 9/11 के अमेरिकी हमले का मास्टर माइंड होने का इल्ज़ाम था। अब इस खबर की पुष्टि खुद राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने संबोधन में की है।
बताया जा रहा है कि, अल-जवाहिरी और ओसामा बिन लादेन ने 9/11 के हमलों की साजिश रची, जिससे कई आम अमेरिकियों को अल-कायदा के बारे में पहली जानकारी मिली। लगभग एक दशक बाद अमेरिकी नौसेना के जवानों द्वारा चलाए गए सर्च ऑपरेशन में बिन लादेन 2 मई 2011 को पाकिस्तान में मारा गया था।
यह भी पढ़ें: पात्रा चॉल घोटाला मामला : कोर्ट ने संजय राउत को 4 अगस्त तक ED हिरासत में भेजा, शिवसैनिकों ने किया प्रदर्शन
दुनिया के सबसे वांछित आतंकवादियों में एक अल-कायदा प्रमुख अल-जवाहिरी को अमेरिका ने ढेर कर दिया है। अल जवाहिरी अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया।
काबुल में CIA ने किया था ड्रोन स्ट्राइक
रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में CIA ने एक ड्रोन स्ट्राइक किया था। बाइडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि, अमेरिका ने अफगानिस्तान में अलकायदा के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया और ये ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा है।
अमेरिकी अधिकारियों ने भी दावा किया है कि, इस ऑपरेशन में कोई और नागरिक हताहत नहीं हुआ। अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को एफबीआई ने मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में रखा था। इसे 9/11 हमले का इसे मास्टर माइंड बताया जाता है। इस आतंकी वारदात में 3,000 लोग मारे गए थे।
लंबे समय बाद इंसाफ हुआ- जो बाइडेन
अलकायदा चीफ जवाहिरी की मौत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में अपने संबोधन में कहा कि, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने अल-जवाहरी को काबुल शहर के एक घर में ट्रैक किया, जहां वह अपने परिवार के साथ छिपा हुआ था। राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते ऑपरेशन को मंजूरी दी और इसे रविवार को अंजाम दिया गया। जो बाइडेन बोले, लंबे समय बाद इंसाफ हुआ।
On Saturday, at my direction, the United States successfully conducted an airstrike in Kabul, Afghanistan that killed the emir of al-Qa’ida: Ayman al-Zawahiri.
Justice has been delivered.
— President Biden (@POTUS) August 1, 2022
अल-जवाहिरी पर था 25 मिलियन डॉलर इनाम
अल-जवाहिरी पर अमेरिका ने 25 मिलियन डॉलर यानि दो सौ करोड़ का इनाम घोषित किया था। अल जवाहिरी को मारे जाने के मामले में दुनिया से प्रतिक्रिया आना शुरू हो गई हैं, सऊदी अरब ने इसका स्वागत किया है। साल 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अल कायदा को यह अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है।
अपने नागरिकों की रक्षा करता है अमेरिका
सोमवार शाम को अपने संबोधन में राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि, न्याय की जीत हुई। अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी काबुल में एक हवाई हमले में मारा गया है। साफ है अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं, तो अमेरिका आपको ढूंढेगा और बाहर निकालेगा, आप चाहे कहीं भी छिप जाएं, चाहे कितना भी समय लगे। उन्होंने कहा कि, अमेरिका अपने नागरिकों की रक्षा करता है।
बाइडेन ने कहा कि, अब मैं अफगानिस्तान को आतंकवादियों के लिए कभी भी, बिल्कुल भी सुरक्षित जगह नहीं बनने दूंगा। साथ ही ध्यान रखूंगा कि ऐसा आगे भी नहीं हो सके।
9/11 हमलों में जवाहिरी ने की थी मदद
मिस्र के डॉक्टर और सर्जन अल जवाहिरी ने अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के हमलों में चार विमानों को हाईजैक करने में मदद की थी। इनमें दो विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टावर्स से टकरा गए थे। जबकि तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन से टकराया। चौथा विमान शेंकविले में एक खेत में क्रैश हुआ था।
इस घटना में 3,000 लोग मारे गए थे। अमेरिका पर 11 सितंबर के हमलों के बाद 2001 के अंत में जब अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को गिरा दिया था, उस समय बिन लादेन और जवाहिरी दोनों बचकर निकल गए थे। बाद में बिन लादेन को अमेरिकी फौजों ने साल 2011 में पाकिस्तान में मार गिराया था।
अमेरिकी अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि, रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सीआईए ने एक ड्रोन हमला किया था। ये ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा है और कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ। यह हमला अफगानिस्तान में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन के तहत किया गया।
अल-ज़वाहिरी की मौत पर तालिबान भड़का
वहीं तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में इस हमले की निंदा की। और इसे अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन बताया। काबुल में हुई अलकायदा चीफ अल-ज़वाहिरी की मौत पर तालिबान भड़क गया है। तालिबान के प्रवक्ता ने अमेरिका के इस कार्रवाई की आलोचना की है। इसके साथ ही इसे दोहा समझौते का उल्लंघन बताया है।
अलकायदा चीफ जवाहिरी के मारे जाने के बाद अब सवाल उठ रहा है कि, क्या अगस्त 2021 में काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान आतंकी सरगना को शरण दिए हुए था। इससे पहले अफगानिस्तान में पिछले 20 साल तक अमेरिकी सेना की तैनाती रही है।
कौन था अलकायदा चीफ अल जवाहिरी ?
अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के एक संपन्न परिवार में हुआ था। वो पेशे से सर्जन था। 14 साल की उम्र में ही वो मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था। 1978 में काहिरा विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र की छात्रा अजा नोवारी से शादी की।
अल जवाहिरी ने EIJ यानि इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद का गठन किया। ये एक ऐसा उग्रवादी संगठन था जिसने 1970 के दशक में मिस्र में सेक्युलर शासन का विरोध किया था। वो चाहता था कि मिस्र में इस्लामिक हुकूमत का वर्चस्व हो। वहीं 1981 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या के बाद अल जवाहिरी उन सैकड़ों लोगों में शामिल था, जिन्हें गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया।
ऐसे हुई थी लादेन और अल जवाहिरी की मुलाकात
3 साल जेल में रहने के बाद अल जवाहिरी मिस्त्र छोड़कर सऊदी अरब आ गया। पेशावर में हुई लादेन से मुलाकात सऊदी आने के बाद वो मेडिकल प्रैक्टिस करने लगा। सऊदी में ही अल जवाहिरी की मुलाकात अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से हुई थी।
लादेन 1985 में अलकायदा को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान के पेशावर गया हुआ था। इस दौरान अल जवाहिरी भी वहीं था. यहीं से दोनों आतंकियों के बीच रिश्ता मजबूत होने लगा। इसके बाद 2001 में अल जवाहिरी ने EIJ का अलकायदा में विलय कर लिया। इसी के बाद दोनों मिलकर दुनिया को दहलाने की साजिश रचने लगे। जवाहिरी ने अमेरिकी हमले में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद संगठन की कमान अपने हाथ में ली थी. 2011 में वो अलकायदा का प्रमुख बना था।
वहीं सोमवार को अमेरिका ने अलकायदा चीफ अल जवाहिरी को मौत के घाट उतार दिया। उन्होंने कहा कि, लंबे समय के बाद आज इंसाफ मिला है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि, अमेरिका अपने नागरिकों की रक्षा करता है। वहीं साल 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अब जवाहिरी की मौत से अल कायदा को सबसे बड़ा झटका लगा है।
यह भी पढ़ें: CWG 2022 : कॉमनवेल्थ गेम्स में इंडियन टीम का शानदार प्रदर्शन, भारत की झोली में आए 6 पदक