म्यांमार सेना पर चीन नरम, बाकी दुनिया का सख्त रुख

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न्यूयॉर्क

म्यांमार में सेना के दमन के खिलाफ जहां लगभग पूरी दुनिया एक जुट दिख रही है वहीं चीन का रुख काफी नरम है। सयुंक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दो दिन की चर्चा के ब्रिटेन ने जो सख्त प्रेस नोट तैयार किया था चीन ने उसे काफी नरम करवा दिया।
कल जारी प्रेस नोट में म्यांमार पर और कार्रवाई की बात को हटा दिया गया। सख्त कदम उठाने की बात हटा कर लिख दिया गया कि हालात पर निरंतर नज़र रखी जा रही है।बाद में ब्रिटेन के प्रतिनिधि ने कहा कि हमारा मकसद यही है की वहां नरसंहार रुके, सैनिक विद्रोह के पहले की स्थिति बहाल हो मानवाधिकारों की रक्षा हो। भारत ने भी मानवाधिकारों का हनन रोकने औऱ हत्याएं रोकने की बात कही है।
इस बीच ब्रिटेन औऱ अमेरिका ने म्यांमार सेना से जुड़ी दो औऱ व्यापारिक कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

मरने वालों में 44 बच्चे और किशोर
उधर यंगून में सेना का विरोध जारी है। कुछ क्षेत्रों में हवाई हमले जारी हैं। सेना की फायरिंग में अब तक 543 लोग मारे जा चुके हैं जिनमे 44 किशोर और बच्चे हैं

सू की पर नया मुकदमा

म्यांमार सेना ने गुरूवार को आंग सान सू की पर गोपनीयता कानून के उल्लंघन का भी मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पत्रकारों पर हमले बढ़े

नैपीटॉ। म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकारों को भी निशाना बनाया जा रहा है। सेना ने आदेश जारी कर कहा है कि सेना के बारे में विद्रोह, रिजीम और जुंटा जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाए।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबकि सेना के इस आदेश के बाद से कम से कम 56 पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही इनके मोबाइल डेटा सर्विस को भी बंद कर दिया गया है। सैन्य शासन के खिलाफ प्रदर्शन को कवर करते समय तीन फोटो पत्रकारों को गोली मारी गई। कई पत्रकार सिटिजन जर्नलिस्ट बनकर सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात उठा रहे हैं। युवा वर्ग अपने मोबाइल फोन से सैन्य अत्याचार के फोटो खींचकर इन्हें ऑनलाइन साझा कर रहे हैं।

एक सिटिजन जर्नलिस्ट मा थूजर ने बताया कि यह लोग (सेना) पेशेवर पत्रकारों को लक्ष्य़ कर हमला कर रहे हैं। इसे देखते हुए अधिक से अधिक सिटीजन जर्नलिस्टों को आगे आना जरूरी है। वह कहते हैं कि वह जानते है कि उन्हें भी एक दिन गोली मार दी जाएगी, लेकिन वो डरेंगे नहीं। इसी तरह से अपना काम करते रहेंगे।

फ्रीलांस पत्रकार को हेत म्यात ने बताया कि शनिवार को क्याइकतो में फोटो लेते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही उनके पैर पर गोली मारी गई। एक सिटिजन जर्नलिस्ट ने इसकी वीडियो बनाकर साझा कर दी जिसमें दिखाया गया है कि सैनिक उनके साथ जबरदस्ती कर रहे हैं। एक अन्य फोटो पत्रकार सी थू मंडाले में फोटो ले रहे थे कि इसी बीच उनके उल्टे हाथ पर गोली मारी गई।

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