वांशिगटन।
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के के कारण 2019 से हाथ रोके खड़े भारत ने इस साल के शुरू होते ही एक बार फिर से ईरान के चाबहार बंदरगाह पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। बस एक माह औऱ लगेगा और उसके बाद अफगानिस्तान से व्यापार क़रने के लिए पाकिस्तान की जमीन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अमेरिकी कांग्रेस में पेश की गई एक गैर सरकारी रिपोर्ट में बताया गया है कि मई से इस बंदरगाह का संचालन शुरू होने की उम्मीद है।
2015 में भारत ने ईरान में चाबहार बंदरगाह और रेलवे लाइन बिछाने के काम में मदद पर सहमति दी थी। और 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान के साथ एक करार की थी भारत इस पोर्ट पर 50 करोड़ डॉलर निवेश करेगा। इससे भारत को पाकिस्तान से गुजरे बिना अफगानिस्तान से बिना रूकावट व्यापार में मदद मिलेगी।
हालांकि ट्रंप प्रशासन के ईरान पर कड़े प्रतिबंध लग गए। भारत ‘अफगानिस्तान पुनर्निर्माण’ परियोजना के तहत ईरान में तब भी काम कर सकता था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अमेरिकी पाबंदियां भारत ईरान संबंधों पर असर डालती रही। भारत ने आयात रोका तो उड़ने 2011 से 2016 के बीच ईरान से लाये गए तेल के 6.5 अरब डॉलर का भुगतान किया।
जुलाई 2018 में भारत ने ईरान से 8 लाख बैरल प्रतिदिन तेल आयात किया था, जो 2011 के स्तर से कहीं ज्यादा था। हालांकि फिर से प्रतिबंध लगने के बाद भारत ने मई 2019 से ईरान से तेल आयात नहीं किया है।
2020 के अंत में भारत ने परियोजना का काम भी रोक दिया था। वर्ष 2021 की शुरुआत में काम में तेजी लाई गई और मई 2021 तक इसका संचालन शुरू होने की संभावना है।