JEE-Mains में गड़बड़ी कर रही टीम का खुलासा, 19 जगहों पर छापेमारी

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द लीडर हिंदी, लखनऊ | CBI ने 2021 जेईई-मेंस परीक्षा से जुड़े एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली, पुणे, बेंगलुरु, जमशेदपुर और इंदौर में 19 स्थानों पर छापा मारा है। इस दौरान 25 लैपटॉप, सात कंप्यूटर, 30 पोस्ट डेटेड चेक के अलावा काफी दस्तावेज बरामद हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक एफिनिटी एजुकेशन के निदेशक जेईई मेन्स में बच्चों को बेहतर रैंकिंग दिलाने का गिरोह चला रहे थे।

सीबीआई के प्रवक्ता का बयान 

सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा था कि आरोप है कि निदेशक दलालों तथा सहयोगियों के साथ मिलकर सोनीपत (हरियाणा) स्थित एक परीक्षा केंद्र से धन के बदले छात्रों को शीर्ष संस्थानों में दाखिला दिलाने के लिए प्रश्नपत्र हल कर ऑनलाइन जेईई-मेन्स परीक्षा में गड़बड़ी कर रहे थे।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने यह कार्रवाई एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और तीन निदेशकों-सिद्धार्थ कृष्णा, विश्वंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय तथा दलालों और सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद की।


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किस बात ने बड़ाई आशंका 

दरअसल, इन दिनों हरियाणा में परीक्षा में पेपर लीक होने और गड़बड़ी के मामले बढ़ गए हैं। बीते महीने हरियाणा पुलिस भर्ती का पेपर लीक होने का मामला तूल पकड़ा था। तब हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज (Home Minister Anil Vij) ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए सीएम मनोहर लाल को खत लिखा था। उसमें कहा था कि पेपर लीक के कई मामले हो चुके हैं। उसके बावजूद पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पर जनता का विश्वास बना रहे। ऐसे में पेपर लीक मामलों की सीबीआई से जांच की जरूरत है।

क्या था मामला

हरियाणा पुलिस का यह पेपर 7 अगस्त को लीक हुआ था। करनाल और कैथल पुलिस अब तक 28 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से आधे से अधिक वे हैं, जिन्होंने खुद या फिर अपने परिवार के सदस्यों के लिए लाखों रुपये में पेपर खरीदा था।

पुलिस का दावा है कि अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि पुलवामा निवासी नजीर इसमें मुख्य कड़ी है। नजीर ने ही हिसार के गांव खांडा खेड़ी निवासी राजकुमार और मुख्य आरोपी के बीच बैठक करवाई थी। रमेश, राजकुमार और नरेंद्र समेत नजीर को पुलिस ने रिमांड पर लिया हुआ है, लेकिन अभी तक आरोपियों से कुछ खास नहीं उगलवा पाई है।


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सात गिरफ्तार, तीन को सीबीआइ रिमांंड

इस मामले में सीबीआइ ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन को अदालत ने नौ सितंबर तक सीबीआइ की हिरासत में भेज दिया है, जबकि अन्य गिरफ्तार आरोपितों को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जा रहा है।

अन्‍य केंद्रों पर भी धांधली की आशंका 

सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच अभी शुरुआती दौर में है लेकिन जिस तरह से संकेत मिल रहे हैं, उससे इस गिरोह के अन्य परीक्षाओं और परीक्षा केंद्रों में भी धांधली में शामिल होने की आशंका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि सभी आयामों की जांच की जा रही है।

किस किस परीक्षा में हुई धांधली 

यह देखा जा रहा है कि जेईई मेंस की परीक्षा में सोनीपत के अलावा किन-किन परीक्षा केंद्रों पर कौन कौन से छात्र इस गिरोह से मदद से परीक्षा दे रहे थे। इसके साथ ही यह पता लगाया जा रहा है कि जेईई मेंस के अलावा अन्य किस-किस परीक्षा में इस गिरोह ने इसी तरह से छात्रों को पैसे लेकर मदद पहुंचाई थी।


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तीसरा निदेशक फरार

गुरुवार को दिल्ली, एनसीआर, जमशेदपुर, पुणे, बेंगलुरू और इंदौर में 19 स्थानों पर छापेमारी के बाद सीबीआइ ने शुक्रवार को सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोगों में दो सिद्धार्थ कृष्णा और विशंभर मणि त्रिपाठी एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। वहीं तीसरा निदेशक अभी फरार चल रहा है।

इन पर हैं आरोप 

इसके अलावा रितिक सिंह, अंजुम दाउदानी, अनिमेश कुमार सिंह, अजिंक्य नरहरि पाटिल एफिनिटी एजुकेशन में काम करते हैं। जबकि जमशेदपुर से गिरफ्तार रणजीत सिंह ठाकुर गिरोह के लिए साल्वर का इंतजाम करता था। दिल्ली से गिरफ्तार सिद्धार्थ कृष्णा, विशंभर मणि त्रिपाठी और रितिक सिंह को दिल्ली की विशेष सीबीआइ अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने तीनों को नौ सितंबर तक सीबीआइ की हिरासत में भेज दिया।


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इनको लाया जा रहा दिल्‍ली 

वहीं पुणे से गिरफ्तार अजिंक्य नरहरि पाटिल, अनिमेश कुमार सिंह और अंजुम दाउदानी को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जा रहा है। इसके अलावा बेंगलुरु के एक आरोपी की बड़ी भूमिका के संकेत मिल रहे हैं और सीबीआइ उसकी तलाश कर रही है।

12 से 15 लाख रुपये में होता था सौदा

आरोप है कि गिरोह जेईई मेंस की रैंकिंग में पीछे रह जाने वाले छात्रों से संपर्क कर 12 से 15 लाख रुपये में से बेहतर रैंकिंग दिलाने का दावा करता था, ताकि छात्र का नामांकन शीर्ष एनआइटी संस्थानों में हो सके। गिरोह पहले ही छात्रों के 10वीं और 12वीं से मूल प्रमाण पत्रों के साथ-साथ 12 से 15 लाख रुपये का पोस्ट डेटेड चेक भी ले लेता था। छापे में 30 पोस्ट डेटेड चेक के साथ-साथ 10वीं और 12वीं के मूल प्रमाण पत्र भी मिले थे।


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