द लीडर हिंदी : अयोध्या के गैंगरेप केस को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. सीएम योगी के बुलडोजर एक्शन के बाद अब इस मामले में बसपा कूद पड़ी है. अयोध्या में नाबालिग से हुए गैंगरेप केस पर हर गुजरते दिन के साथ सियासी पारा चढ़ता जा रहा है. अब इस कड़ी में बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने समाजवादी पार्टी को जमकर घेरा है. विश्वनाथ पाल ने कहा है कि ‘मुझे मीडिया के लोगों ने बताया है कि समाजवादी पार्टी के कुछ लोग समझौते के लिए दबाव बना रहे हैं.’
उन्होंने बताया, “मैंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन अगर आप लोग कह रहे हैं तो यह गलत है. किसी दल को अपराधियों के साथ नहीं खड़ा होना चाहिए.”उन्होंने कहा है कि जहां तक डीएनए जांच की बात है तो पीड़िता अस्पताल में भर्ती है और जब वह खुलेआम बयान दे रही है तो डीएनए जांच की कोई ज़रूरत नहीं है. अगर समाजवादी इस तरह की बात कह रही है तो वह अपराधियों को बचाना चाह रही है.उन्होंने कहा कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तो ‘मुझे नहीं लगता है इन्होंने इस तरह की घटना में कोई डीएनए जांच कराई थी.’अयोध्या पुलिस ने कथित गैंगरेप के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था.
गिरफ्तार किए गए दो लोगों पर नाबालिग लड़की से रेप कर वीडियो बनाने का आरोप है. प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए मोईद ख़ान नाम के शख़्स की बेकरी गिरा दी थी. ये बेकरी कथित तौर पर अवैध तरीके से एक तालाब के ऊपर बनी थी.यूपी पुलिस ने 30 जुलाई को बेकरी के मालिक मोईद ख़ान और उनके एक कर्मचारी राजू ख़ान को एक रेप केस में गिरफ़्तार किया था.मोईद ख़ान का सपा से संबंध बताया जा रहा है.इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था कि कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है, उनका डीएनए टेस्ट कराकर इंसाफ़ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए.उन्होंने कहा था कि जो भी दोषी हो उसे क़ानून के हिसाब से पूरी सज़ा दी जाए, लेकिन अगर डीएनए टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए. यही न्याय की माँग है.