बिहार के एक मदरसे में बम ब्लास्ट, मौलवी की मौत, एक शिष्य घायल

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द लीडर हिंदी: बिहार में बुधवार की रात बड़ा हादसा हुआ है. यहां के छपरा जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया. जब एक मदरसे में ब्लास्ट हो गया. आसपास के लोग विस्फोट की आवाज सुने तो मौके पर भागे-भागे पहुंचे, वहां देखा की मौलवी और उनका एक शिष्य घायल पड़ा हुआ है, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. धमाके की गूंज आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया. दोनों की मदरसा में ही रहते थे. इनकी पहचान मढ़ौरा थाना क्षेत्र के ओल्हनपुर गांव निवासी मौलाना इमामुद्दीन और 15 वर्षीय नूर आलम के रूप में हुई. नूर मुजफ्फरपुर जिले का निवासी है. वहीं घटना की सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस भी चुनावी दौर में मदरसे में ब्लास्ट की खबर सुन तत्काल घटनास्थल पर पहुंची. घायल नूर इस्लाम ने पुलिस को बताया कि वह एक चीज को खिलौना समझकर लेकर आया था, जो कि ब्लास्ट हो गया.

पूरा मामला जिले में गरखा के मोतीराजपुर में स्थि मदरसे का है. मिली जानकारी के मुताबीक घायल मस्जिद के मौलवी इमामुद्दीन की मौत हो गई है. आशंका जताई जा रही है कि बम बनाते समय यह विस्फोट हुआ, जिसमें इमामुद्दीन और उसका एक छात्र घायल हो गया. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी राज किशोर सिंह ने मामले की जांच शुरू कर दी. राजकिशोर सिंह ने बताया कि मौके पर फॉरेंसिक टीम बुलाई गई है. घटना के बाद इलाके में सन्नाटा फैल गया.वही इलाके के लोगों ने पहले मामले को दबाने की काफी कोशिश की और घटना को रसोई गैस सिलेंडर में विस्फोट बताया.

हालांकि पुलिस को शुरुआती जांच में यहां बम विस्फोट की बात सामने आई, जिसके बाद फॉरेंसिक टीम बुलाई गई है. गरखा का मोती राजपुर इलाका पहले से भी पटाखा बनाने के मामले को लेकर बदनाम रहा है. यहां कुछ परिवार है जो पटाखा बनाने में काफी कुशल है. लेकिन यह काम अवैध तरीके से किया जाता है और आए दिन ऐसी दुर्घटनाएं होते रहती है. इस घटना की सूचना मिलने के बाद सारण के एसपी गौरव मंगल ने मामले की जांच के लिए स्पेशल टीम का गठन कर दिया है.

लोकसभा चुनाव के नजदीक होने के कारण यह घटना काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. एसपी ने बताया कि पुलिस इस मामले में हर एंगल पर जांच कर रही है और जल्द ही इस मामले का खुलासा कर दिया जाएगा. फिलहाल पुलिस घायलों को इलाज के लिए पटना भेजिए, जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है. फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि बम कितना शक्तिशाली था.