द लीडर। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक सुरेंद्र सिंह अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में बने रहते है। एक बार फिर बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने विवादित बयान दिया है। अपने बयान में उन्होंने एलोपैथी डॉक्टरों की तुलना राक्षसों से कर दी। दरअसल, बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का यह बयान उस वक्त आया है, जब योगगुरु रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बीच एलोपैथी को लेकर विवाद चल रहा है।
बलिया जिले से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेंद्र सिंह योग गुरु रामदेव द्वारा एलोपैथी के खिलाफ दिये गये बयान के समर्थन में आ गये हैं और उन्होंने योग गुरु को भारतीय चिकित्सा प्रणाली का ध्वजवाहक करार दिया है।बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र के बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि बाबा रामदेव पर चिकित्सकों के द्वारा टिप्पणी करना निंदनीय है।
विधायक ने कहा, ”एलोपैथ भी उपयोगी है और आयुर्वेद भी उससे कम नहीं है, यह भाव रखकर समाज में पीड़ित इंसान की सेवा चिकित्सकों को करनी चाहिए।”
बीजेपी विधायक ने एलोपैथिक डॉक्टरों पर तंज कसते हुए कहा, ‘आज एलोपैथी के क्षेत्र में 10 रुपए की गोली 100 रुपए में बेचा जा रहा है। वह समाज के हितैषी नहीं हो सकते। उन्होंने एलोपैथिक डॉक्टरों को राक्षस बताया है। उन्होंने कहा कि एलोपैथी के कुछ डॉक्टर राक्षसों से भी ज्यादा बुरा काम कर रहे हैं। सुरेंद्र सिंह आगे कहते हैं कि मरीज की मौत के बाद एलोपैथिक डॉक्टर मृतक को आईसीयू में रखकर पैसा वसूलते है।
वहीं, समाज को योग और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति अपनानी चाहिए। बीजेपी विधायक ने एलोपैथ और आयुर्वेद दोनों की तुलना करते हुए आयुर्वेद को एलोपैथ के समकक्ष बताया है। विधायक सुरेंद्र सिंह ने बाबा रामदेव का हृदय से अभिनंदन करते हुए लिखा कि रामदेव ने आयुर्वेद के माध्यम से स्वस्थ भारत, समर्थ भारत अभियान की शुरुआत की है जो सराहनीय है। सुरेंद्र सिंह ने इस विवाद में बाबा रामदेव का खुलकर बचाव किया है।
बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा रामदेव जिस पद्धति को आगे बढ़ा रहे हैं, वो सनातन धर्म की पद्धति है। मैं भी अगर राजनीति से संन्यास लूंगा तो इसी के प्रचार का जिम्मा संभालूंगा। इससे पहले उन्होंने कोरोना को खत्म करने के लिए गोमूत्र का इस्तेमाल करने की बात कही थी।
रामदेव ने अपनी टिप्पणी वापस ले ली थी
उल्लेखनीय है कि रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था जिसमें उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल करते हुए और यह कहते हुए सुना गया कि “कोविड-19 के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों लोग मारे गए हैं।” बाद में रामदेव ने अपनी टिप्पणी वापस ले ली थी।
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