निकाय चुनाव में बीजेपी ने बढ़ाई रफ्तार,विपक्ष अभी भी निष्क्रिय

0
127
UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी अब पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है। यही वजह है कि प्रदेश के बड़े नेताओं के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ताबड़ तोड़ रैलियां हो रही है। उधर विपक्ष खेमे की बात करें तो सभी बड़े नेता निष्क्रिय दिख रहे हैं। निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान महज एक सप्ताह बाद होने हैं। ऐसी में विपक्ष की निष्क्रियता यह संदेश दे रही कि निकाय चुनाव में खास दिलचस्पी नहीं ले रहे।
निकाय चुनाव पर सीएम योगी आदित्यनाथ आज बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों के समर्थन में वोट की अपील कर रहे हैं।
इसके लिए राजधानी लखनऊ सहित मथुरा,फिरोजाबाद व आगरा जिले में जनसभाओं को संबोधित कर रहें है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की भी आज ताबड़तोड़ रैलियां है। हरदोई जिले के मल्लावा,उन्नाव जिले के बांगरमऊ, गंगाघाट के साथ ही राजधानी लखनऊ के इटौंजा में जन सभा को संबोधित करेंगे। इसके अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की सहारनपुर में जन सभा है,मंत्री नंद गोपाल नंदी की चंदौली में जन सभा प्रस्तावित है। जहां बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में वोट की अपील करेंगे।
अमूमन यहां देखा गया है कि प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार होती है ज्यादातर उसी पार्टी के उम्मीदवार की जीत होती है इस मंत्र को जानते हुए भी बीजेपी जन संवाद में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यही नहीं बीजेपी के लिए हर चुनाव अहमियत रखती है स्थानीय चुनाव हो या फिर लोकसभा का चुनाव सभी के लिए समान तैयारियां रहती है।
निकाय चुनाव में विपक्ष के बड़े नेताओं की बात करें तो बीएसपी सुप्रीमो मायावती इस चुनाव में प्रचार  प्रसार करने से दूर रहने का संदेश दिया है। कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी की भी कोई चुनावी जनसभा प्रस्तावित नहीं है। कांग्रेस में पहले से ही निकाय चुनाव में टिकट देने को लेकर दो धड़ बन चुका है।
प्रदेश की मुख्य विपक्ष दल समाजवादी पार्टी की बात करें तो अखिलेश यादव की अभी भी कोई बड़ी जनसभा प्रस्तावित नहीं है। हालाकि जिलों में जाकर पार्टी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। निकाय चुनाव में जमीन को मजबूत बनाने पर जोर दे रहे है। स्थानीय दलों के नेताओं की सक्रियता थोड़ी बहुत दिख रही है। इन सबके बावजूद बीजेपी निकाय चुनाव में जो रफ्तार बनाई है ऐसे में अन्य दलों के प्रत्याशियों के जीत का संकट बना हुआ है।
(लेखक- सतीश संगम)