बिहार : राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर लगातार उठते सवालों के बीच पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोरोना महामारी से निपटने की राज्य सरकार की व्यवस्था, तैयारियों पर हाईकोर्ट ने सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इससे पहले हाईकोर्ट बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर नाखुशी जताते हुए हेल्थ सेक्टर को सेना को सौंपने जाने की टिप्पणी कर चुका है.
देश के दूसरे हिस्सों की तरह बिहार में भी कोरोना से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. अस्पतालों में बेड नहीं हैं और ऑक्सीजन की भी कमी बनी है. इस संकट के कारण लोगों की मौतें भी हो रही हैं. बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर लगातार सरकार को आईना दिखा रहे हैं. लेकिन विपक्ष की आलोचना से सरकार रत्ती भर भी विचलित नजर नहीं आती है. पर अब हाईकोर्ट ने ही स्वास्थ्य सेवाओं पर नजर बना रखी है. इससे निश्चित रूप से सरकार व्यवस्थाओं को बेहतर करने का प्रयास करेगी.
The #PatnaHighCourt has directed the #Bihar government to submit detailed reports on the available #Covid-related facilities in hospitals and quarantine centres. pic.twitter.com/ih0yYVG3cT
— IANS (@ians_india) May 6, 2021
देश में अभी कोरोना के 35, 66,398 केस सामने आ चुके हैं और 2,30,168 लोगों की मौत हो चुकी है. कोविड की दूसरी लहर जारी है. और इसमें हालात काफी बिगड़े हुए हैं. हाल में ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड न मिलने के कारण मौतों की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो विभिन्न राज्यों के न्यायालयों को भी परेशान कर रही हैं.
तेजस्वी बोले बिहार के ऐसे हालात के लिए 48 सांसद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार
वहीं, गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब तक करीब 17.15 करोड़ नागरिकों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है. और ये सिलसिला लगातार जारी है. अभी तक करीब 80 लाख से अधिक टीके उपलब्ध हैं. राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को भी टीके पहुंचाए जा रहे हैं.
इस सबके बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जान रहे हैं. बुधवार को मुख्यमंत्री ने हेल्थ अफसरों के साथ बैठक कर अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड और दवाओं की स्थिति जानी. इससे पहले वह कह चुके हैं कि महामारी से लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार तत्परता से कदम उठा रही है.