द लीडर : बिहार के ज़िला सिवान में आठ साल के रिज़वान को रस्सी से बांधकर कोर्ट में पेश करने और बाद में उसे जेल भेजने का मामला तूल पकड़ गया है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथ लिया है. इस सवाल के साथ कि, ”अगर ये बच्चा नीतीश कुमार या राजद के नेताओं की जाति का होता, क्या तब भी उसे जानवरों की तरह बांधकर कोर्ट लाया जाता. क्योंकि वो मुसलमान है. तो चाहे उसके हाथ, गले या पेट में रस्सी बांध दो.” (Bihar News Rizwan Arrested)
आठ अगस्त को सिवान के बड़हरिया थाना क्षेत्र की पुरानी बाज़ार में महावीर अखाड़ा शोभायात्रा निकाली गई थी. पश्चिमी टोला में मस्जिद के पास विवादित गाने बजाने को लेकर दो पक्षों में सांप्रदायिक टकराव हो गया था. इसके बाद पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी.
इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों के 10-10 लोगों को गिरफ़्तार किया. सौ अज्ञात और 35 नामजद के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज है. वैसे तो इस टकराव पर ही राजनीतिक बवाल मचा है. लेकिन उसमें दो गिरफ़्तारियों ने सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है. (Bihar News Rizwan Arrested)
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रिज़वान की उम्र को लेकर भी दोराय है. परिवार का कहना है कि वह आठ साल के हैं. जबकि पुलिस का दावा है कि रिज़वान की उम्र 13 साल है. और उसे बाल सुधार गृह भेजा गया है.
"I went to see my son in the morning, but they wouldn't let me offer him food. I was worried about my son. He was tied when I first saw him, sobbing uncontrollably. He held me and begged me to take him home," Vakeelan sobbed https://t.co/ZFzw1ZVSto
— Safoora Zargar (@SafooraZargar) September 13, 2022
रिज़वार के परिवार का कहना है कि जिस रोज़ ये बवाल हुआ था. उस दिन रिज़वान मग़रिब की नमाज़ पढ़ने मस्जिद गए थे. उसी दरम्यान वहां विवाद हो गया. और पुलिस ने रिज़वान को गिरफ़्तार कर लिया. हम पुलिस के पास गए तो छोड़ने के एवज में 10 हज़ार रुपये मांगे. हमारे पास पुलिस को देने के लिए पैसे नहीं थे. अगले दिन रिज़वान को कोर्ट में पेश किया गया, तो उसके हाथ रस्सी से बंधे थे.
इस पर ओवैसी के बयान के बाद मामला तूल पकड़ गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज के अंदाज़ में सवाल उठाया-कैसे नीतीश कुमार के राज में बच्चे महफ़ूज नहीं हैं. कैसे पुलिस दंगाईयों को पकड़ने के बजाय मुसलमान बच्चों को निशाना बना रही है. (Bihar News Rizwan Arrested)
रिज़वान की रिहाई को लेकर ट्वीटर पर ट्रेंड भी चल रहा है. जिसमें नीतीश-तेजस्वी के नए गठबंधन वाली सरकार अल्पसंख्यकों के साथ सुलूक को लेकर अपने समर्थकों के ही निशाने पर है.
चूंकि इस घटना को लेकर अभी तक सीएम नीतीश कुमार या डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. तो मुस्लिम समुदाय नाराज़ है. ये आरोप लगा रहा कि सरकार चाहें किसी की भी, लेकिन मुस्लिम समुदाय का हश्र सभी में एक जैसा ही है. बिहार में आरजेडी और राजद दोनों मुस्लिम मतदाताओं की पसंद रही हैं. लेकिन अब दोनों के गठबंधन की सरकार है तो सवाल उठना लाज़िम है.
सिवान की इस घटना से पहले पटना का वो लठ्ठबाज़ एडीएम याद होगा, जिसन अगस्त के दूसरे पखवाड़े में शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के दौरान लाठीबाज़ी की थी. एडीएम ने तिरंगा हाथ में पकड़े अनीसुर्रहमान पर बेरहमी से लाठियां भांजी थीं. वीडियो वायरल होने पर हंगामा मचा, तो तेजस्वी ने जांच बिठाई. और एडीएम जांच में दोषी पाए गए. लेकिन आज 20-22 दिन बाद भी एडीएम केके सिंह के ख़िलाफ़ कोई एक्शन नहीं हुआ है.
इसी बीच सिवान में सांप्रदायिक टकराव की घटना सामने आ गई. जिसमें पुलिस की कार्रवाई को लेकर सरकार उनके समर्थक और आलोचक दोनों के निशाने पर है.
सिवान की घटना और रिज़वान की गिरफ़्तारी को लेकर बिहार के एडीजी जितेंद्र सिंह का बयान आया है, जिसमें उन्होंने क़ानून सम्मत कार्रवाई की बात कही है.