द लीडर हिंदी: नेपाल से निकले सैलाब ने बिहार में आकर तबाही मचा दी है. 56 साल बाद कोसी नदी का ऐसा खतरनाक रूप देखने को मिला है.जिसने बिहार में जल प्रलय की आहट दे दी है. बता दें नेपाल में भारी बारिश की वजह से रविवार सुबह 5 बजे वीरपुर के कोसी बैराज से साढ़े छह लाख क्यूसेक से ज़्यादा पानी छोड़ा गया है. यह बीते 56 साल में पानी की सबसे बड़ी मात्रा है.इसकी वजह से बिहार में कोसी के किनारे बसे कई इलाक़ों में बाढ़ के हालात बन गए हैं और लोग सुरक्षित ठिकानों की तरफ पलायन कर रहे हैं.
वही कोसी नदी को ‘बिहार का शोक’ भी कहा जाता है, इसमें पहले भी कई विनाशकारी बाढ़ आ चुकी हैं.कोसी के इलाक़े में अभी भी कई लोग घरों में फंसे हुए हैं और उन्हें बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ़ और एसडीआरएफ़ की टीम काम कर रही है.भारी बारिश के बाद नेपाल की बागमती नदी में पानी का स्तर बहुत बढ़ा हुआ है.कोसी और गंडक बैराज पर 27 सितंबर की शाम पानी का अलर्ट जारी किया गया था. हालांकि सुबह पांच बजे के बाद कोसी और गंडक बैराज पर पानी कम हो रहा है.वही कोसी रैंज के डीआईजी मनोज कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया है कि “इस बार अच्छी बात यह रही कि डिपार्टमेंट के सारे पूर्वानुमान सही रहे हैं.
हमने कई इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है. कुछ लोग अपने घर को नहीं छोड़ पाए हैं, वो कॉल कर रहे हैं. इसके लिए एनडीआरएफ़ और एसडीआरएफ़ की टीम लगी हुई है.”उन्होंने बताया है कि सुबह पांच बजे यहां पानी अधिकतम स्तर तक पहुंच गया था, जो अब कम हो रहा है. इसमें सुपौल के दो-तीन थाना क्षेत्र ज़्यादा प्रभावित हैं, जिनमें मरौना, बिशनपुर से इलाक़ों से लोगों की कॉल आ रही है.https://theleaderhindi.com/kanpur-rain-spoils-india-bangladesh-test-not-a-single-ball-could-be-bowled-on-the-second-day/
मनोज कुमार के मुताबिक़ नदी की धार अभी काफ़ी तेज़ है जिसकी वजह से उन इलाक़ों में नाव नहीं जा पा रही है.इस बीच, बिहार में कुछ इलाकों में बाढ़ की आशंका पर आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा है, “टेलीविजन के माध्यम से हम लोगों ने देखा कि कोसी का जो बैराज है, उसके सारे गेट खोल दिए गए हैं, और पानी का स्तर काफ़ी ऊपर है.’””अगर कोई बाढ़ की स्थिति पैदा होती है तो हम उम्मीद करते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री, और जितने मंत्री और संबंधित पदाधिकारी हैं, वो तैयार बैठे होंगे.”