द लीडर हिंदी: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ‘सभी मस्जिदों के नीचे मंदिर नहीं खोजे जाने चाहिए’ वाले बयान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। योगी ने कहा कि भागवत ने बिलकुल सही कहा है और ऐसे मामलों में सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए किसी को भी अदालतों में जनहित याचिकाएं (PIL) नहीं डालनी चाहिए। सीएम ने यह भी कहा कि अदालतों में इस तरह की पीआईएल डालने का सही तरीका ये नहीं है और हमें केवल उन्हीं मुद्दों को उठाना चाहिए जिनमें सच्चाई हो।
योगी आदित्यनाथ ने संभल के संदर्भ में भी अपनी बात रखी, जहां उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। उन्होंने कहा कि “संभल श्री हरि विष्णु के दसवें अवतार की भूमि है और पुराणों में भी इसका उल्लेख है। यह एक सच्चाई है।”
सनातन बोर्ड पर क्या बोले योगी?
सनातन बोर्ड की मांग के बारे में योगी ने कहा कि जब भी सनातन धर्म की तुलना किसी अन्य धर्म से की जाती है, तो इसका अवमूल्यन होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सनातन धर्म के अंदर कई पंथ और संप्रदाय हैं, जिनकी अपनी उपासना विधि है, और इसे नियंत्रित करना सबसे बड़ी अज्ञानता होगी।
सीएम ने कहा कि यदि सनातन बोर्ड की मांग की जाती है, तो यह एक ऐसा कदम होगा जो आस्था के केंद्र बिंदु पर सरकार के हस्तक्षेप की संभावना पैदा करेगा। योगी ने बताया कि धार्मिक आस्था के मामलों में सरकार को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए और ऐसे मामलों में धर्मगुरुओं को ही निर्णय लेने देना चाहिए। उन्होंने राजनीति को इस मुद्दे में घसीटने का विरोध किया और कहा कि इससे अव्यवस्था और अराजकता फैल सकती है।
अंत में, योगी ने उन लोगों को सलाह दी जो इस तरह के विवादास्पद मुद्दे उठा रहे हैं, उन्हें सनातन धर्म के मूल्यों और आदर्शों का गहरा ज्ञान प्राप्त करना चाहिए, क्योंकि उनकी नादानी से समाज में तनाव बढ़ सकता है।