बरेली में सराफ हत्याकांड में बड़ा एक्शन, एसएसपी ने इंस्पेक्टर को हटाया, आंवला के कोतवाल बने कुंवर बहादुर सिंह

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द लीडर हिंदी: यूपी के जिला बरेली में छह दिन पहले गुरुवार की रात बदमाशों ने सराफा व्यापारी को गोली मार दी थी.इस मामले पर एसएसपी ने बड़ा फैसला लिया. शहर में सराफा व्यापारी श्रीकांत पाटिल की हत्या के बाद व्यापारियों के विरोध को देखते हुए आंवला थाने के इंस्पेक्टर सिद्धार्थ सिंह तोमर को गुरुवार रात हटा दिया. उन्हें मीरगंज इंस्पेक्टर बनाया गया है.वही मीरगंज इंस्पेक्टर कुंवर बहादुर सिंह अब आंवला कोतवाल की जिम्मेदारी देखेंगे.एसएसपी अनुराग आर्य ने एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्रा से आंवला इंस्पेक्टर की भूमिका की जांच कराई थी. प्रारंभिक तौर पर स्थानीय स्तर की खींचतान सामने आई. तब एसएसपी ने सिद्धार्थ को वहां से हटाकर मीरगंज कोतवाल बना दिया, जबकि लंबे समय से मीरगंज कोतवाल कुंवर बहादुर सिंह को आंवला कोतवाल बनाया.अब घटना का खुलासा एसएसपी की प्राथमिकता है.

जानिए पूरा मामला
दरअसल छह दिन पहले गुरुवार की रात में जब अंधेरा पसरा था, पड़ोसी सालिक राम मौर्य के मकान से खटखट की आवाज़ आने पर अपने घर में सोये सराफ़ श्रीकांत पाटिल की आंख खुल गई. पहले अन्होंने बेड पर लेटे-लेटे अंदाज़ा लगाया कि आवाज़ कहां से आ रही है और किस चीज़ की है. कुछ समझ नहीं आया तो घर से बाहर निकलकर देखने लगे. अंधेरे में कुछ साये दिखाई दिए. कौन है, उनका यह कहकर टोकना था कि जवाब में धांय की आवाज़ हुई. श्रीकांत पाटिल ज़मीन पर गिर गए. घर से उनकी पत्नी और बच्चे बाहर आ गए.

गोली की आवाज़ थी, जिससे मुहल्ले में जाग हो गई. पड़ोसी सालिक राम मौर्य के बंद घर का ताला तोड़ रहे चोर भाग गए. बदमाशों की गोली श्रीकांत के पेट में लगी थी. पहले उन्हें सीएचसी और उसके बाद यूपी के ज़िला बरेली में एक निज़ि अस्पताल ले आया गया था. हालांकि ऑपरेशन के बाद पेट से गोली निकाल दी गई लेकिन उनकी ज़िंदगी नहीं बच सकी. वो आंवला में मुहल्ला कच्चा कटरा में रामलीला गेट के पास रहते थे.

मूल रूप से महाराष्ट्र के थे. कारोबार के लिए बरेली आकर आंवला में बस गए थे.इस हत्या के बाद से व्यापारी ग़ुस्से में थे. वो इंस्पेक्टर इंस्पेक्टर आंवला की भूमिका को लेकर नाराज़ थे. पुलिस पर सुस्ती का आरोप लगाकर व्यापारियों ने हंगामा किया था. मंत्री व एसएसपी से भी इंस्पेक्टर सिद्धार्थ सिंह तोमर को हटाने की मांग की थी.
घटना के विरोध में आंवला का बाज़ार भी बंद रखा गया था.https://theleaderhindi.com/low-voting-in-srinagar-these-two-parties-of-the-valley-held-the-central-government-responsible/