बरेली के प्रमुख मदरसे की छात्रा ने इस्लाम छोड़कर हिंदू लड़के से रचाई शादी

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THE LEADER. यूपी के ज़िला बरेली में स्कूल और कॉलेज के बाद अब एक मदरसे की छात्रा ने इस्लाम मज़हब छोड़कर हिंदू धर्म में प्रवेश किया है. उसने ख़ुद को बालिग़ बताया है लेकिन मां का कहना है कि उनकी बेटी नाबालिग़ है. इस लड़की नाम इफ़रा है, जो रामपुर रोड स्वालेनगर की रहने वाली है. पिता का नाम गुड्डू है. स्वालेनगर में ही एक प्रमुख मदरसे से उसने दीनी तालीम हासिल की है. हिंदू धर्म अपनाने वाली इफ़रा ने ख़ुद को बालिग़ बताकर जिस लड़के से विवाह किया है. वो भी स्वालेनगर के पास ही मुहल्ले का रहने वाला बताया जा रहा है. इफ़रा का धर्म परिवर्तन मढ़ीनाथ के अगस्त मुनि आश्रम में आचार्य पंडित केके शंखधार ने कराया है.

लड़की की मां ने पुलिस में कंपलेंट दर्ज कराई है, जिसमें उनका कहना है कि मदरसे में लिखाई गई उम्र के मुताबिक़ इफ़रा का जन्म 2007 में हुआ है. इस तरह वो अभी 16 साल की है, जबकि उसके आधार कार्ड पर पैदा होने की सन 2002 है. दोनों में 5 साल का फ़र्क़ है. खै़र क़िला पुलिस सच पता करने के लिए तफ़्तीश में जुट गई है. मदरसे के प्रबंधक ने द लीडर हिंदी को बताया कि पुलिस उनके मदरसे में पूछताछ के लिए आई थी. रिकॉर्ड दिखा दिया है. रजिस्टर पर एडमिशन के वक़्त 2007 ही दर्ज है. वो हमारे मदरसे में ढाई साल तक पढ़ी है. इफ़रा आलिमा की पढ़ाई कर रही थी लेकिन पूरी नहीं की.

बहरहाल, बरेली में लगातार धर्म परिवर्तन के मामले सामने आ रहे हैं, पिछले दिनों स्कूल की हाई क्वालिफाइड टीचर नेहा असमत के धर्म परिवर्तन करके शादीशुदा शख़्स से शादी का मामला तूल पकड़ा था. हालांकि नेहा के पति की पहली पत्नी की शिकायत पर विवाह सर्टिफिकेट को मंदिर ने अमान्य घोषित कर दिया था लेकिन नेहा ने अपनी मां रानी बेगम की घर लौट आने की गुज़ारिश को ठुकरा दिया है. वो उसी शख़्स के साथ रह रही हैं, जिसके साथ भागने का मुक़दमा रानी बेगम की तरफ से दर्ज है. अब अगस्त मुनि आश्रम के महंत पंडित केके शंखधार के मदरसे की छात्रा को हिंदू धर्म में प्रवेश कराने से उसकी उम्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. देखने वाली बात होगी कि पुलिस जांच किस करवट बैठती है.