द लीडर हिंदी: ईदमिलादुन्नबी पर जश्न का आग़ाज़ हो चुका था. बच्चे, नौजवान, बुज़ुर्ग और महिलाएं नये-नये कपड़े पहनकर आक़ा की आमद मरहबा कहने को बेताब थे. यूपी के ज़िला बरेली में पुराना शहर का इलाक़ा सजकर दुल्हन बन चुका था. आज़ाद इंटर कॉलेज से लेकर मालियों की पुलिया, रबड़ी टोला, रज़ा चौक, सैलानी, मीरा की पैंठ, जगतपुर और उससे आगे तक सड़कें रंग-बिरंगी रोशनी, चमकीली झालरों से जगमगा रही थीं. बस इंतज़ार था, जुलूस के आग़ाज़ का, जिसे तय वक़्त पर इसलिए शुरू नहीं किया गया क्योंकि जोगीनवादा और बुऱख़ारपुरा में रूट को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. रवि की चक्की के पास पुराने रूट से अंजुमनों को आने नहीं देने पर पुलिस ने नया रूट तय कर दिया. वहां भी विरोध से तनातनी का माहौल रहा.
एक अंजुमन पुराने रूट से ही निकलने की मांग को लेकर अड़ गई. अंजुमन में शामिल नौजवान धरने पर बैठ गए. दरगाह आला हज़रत से जुड़े लोग उन्हें समझाते रहे लेकिन वो नहीं माने. उनके धरने से पीछे कई अंजुमन फंस गईं. रात दो बजे तक मान मनौवल चलता रहा. फोर्स टकराव टालने के लिए मोर्चा संभाले रही. प्रशासन और पुलिस अफसरों के साथ दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा ख़ान सुब्हानी मियां की टीम भी यहां डटी रही. सभी अंजुमनों को समझाकर तेज़ी से पास कराने में लगे रहे. दूसरी तरफ जोगीनवादा में हालात ज़्यादा ख़राब रहे.
वहां अंजुमनें जुलूस में शामिल होने के लिए आगे बढ़ीं तो दूसरे संप्रदाय के लोग घरों से निकल आए. एलान कर दिया कि कांवड़ का जुलूस नहीं निकलने दिया था. इसलिए अंजुमनें मौर्य गली से होकर नहीं जाएंगी. कांवड़ का यह वही मामला है, जिसे लेकर पिछले साल लाठीचार्ज और फिर उसके बाद उस समय के एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया था. उन्होंने कांवड़यात्रा यह कहकर नहीं निकलने दी थी कि इस रूट से पहले कभी नहीं निकली. ख़ैर उसकी की कसक अब ईदमिलादुन्नबी पर सामने आई. दोनों तरफ की भारी भीड़ सड़कों पर थी. एक तरफ से नात पढ़ी जा रही थीं. नारे लगाए जा रहे थे., दूसरे संप्रदाय के लोग भजन गाने लगे.https://theleaderhindi.com/today-the-festival-of-eid-milad-un-nabi-is-being-celebrated-in-the-country-pm-modi-rahul-gandhi-congratulated/
बिजली जाने के सबब अंधेरा था. मोबाइल टॉर्च से रोशनी की जा रही थी. पुलिस परेशान थी कि कहीं टकराव नहीं हो जाए. दोनों तरफ की भीड़ में फासला बनाए रखने की पुरज़ोर कोशिश की जा रही थी. पुलिस दोनों तरफ की भीड़ को समझाने में नाकाम थी. छतों से भी फोर्स हालात पर नज़र रख रहा था. आख़िरकार पौ फटने तक ऐसे ही तनातनी चलती रही. उजाला होने के बाद दोनों संप्रदाय मोर्चा बंदी छोड़कर घरों में चले गए. रात जहां नारों का शोर था. माहौल गरमाया हुआ था, सुबह वहां सन्नाटा पसरा था.
पुलिस हालात पर नज़र रखे है, क्योंकि अब शाम के वक़्त नये शहर का जुलूस कोहाड़ापीर पेट्रोलपंप के पास से शुरू होकर दरगाह आला हज़रत जाएगा. शहर के अलावा बहेड़ी में सजावट और सेंथल में जुलूस के रूट को लेकर टकराव हुआ है. अब शाम में पुलिस को एक बार फिर नये सिरे से जुलूस में अमन क़ायम रखने के लिए मशक़्क़त करना पड़ेगी. उससे अफसर तैयारी मेंं जुटे हैं.https://theleaderhindi.com/whose-game-will-sp-spoil-in-jammu-and-kashmir-it-has-done-this/