द लीडर हिंदी: दीन के साथ दुनिया कैसे हासिल की जा सकती है.मुहम्मद आक़िब रज़ा इसकी नई मिसाल बने हैं. वो उस मदरसे के छात्र हैं. जिसकी बुनियाद जानशीन-ए-मुफ़्ती आज़म हिंद मुफ़्ती अख़्तर रज़ा ख़ान अज़हरी मियां ताजुश्शरिया ने रखी थी. यूपी के ज़िला बरेली में मथुरापुर में क़ायम इस मदरसे से आक़िब रज़ा मौलवियत की पढ़ाई कर रहे हैं. उसी के साथ उन्होंने नीट की ओमेगा क्लासेस से तैयारी की. एग्ज़ाम दिया और टॉपर रहे. 720 में 696 अंक हासिल किए हैं. उनके वालिद मुफ़्ती मुहम्मद अफ़ज़ाल रज़वी मरकज़ी दारुल इफ़्ता दरगाह आला हज़रत के सीनियर मुफ़्ती हैं.
दरगाह आला हज़रत के पास ही मुहल्ला मलूकपुर के रहने वाले हैं. जब नीट यूजी का रिज़ल्ट जारी हुआ तो मुहम्मद आक़िब को लेकर थोड़ी ग़लत जानकारी आगे बढ़ा दी गई कि वो मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम के प्रिंसीपल मुफ़्ती आक़िल रज़वी के बेटे हैं लेकिन बाद में दरगाह के ज़िम्मेदारों ने साफ किया कि साक़िब, मुफ़्ती अफ़ज़ाल साहब के साहबज़ादे हैं. ओमेगा क्लासेस के 40 और बच्चे भी 650 प्लस अंक हासिल करने में कामयाब रहे. रिज़ल्ट के बाद ओमेगा क्लासेस में बुधवार को शानदार प्रदर्शन करने वाले स्टूडेंट का शहर के जाने-माने डॉक्टरों डॉ फहीम शमसी, डॉ. रामौतार, डॉ. किरन, डॉ आमिर, डॉ. शालिनी, डॉ. समृद्धि, डॉ. केपी गंगवार, डॉ. ख़ालिक़, डॉ. अमित गुप्ता ने हौसला बढ़ाया. उनके ब्राइट फ्यूचर के लिए कामना की.