बरेली दस मुहर्रम : बिजली-पानी के बग़ैर गुज़री रात भूल नहीं पाएंगे लोग

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द लीडर हिंदी : यूपी के ज़िला बरेली में दस मुहर्रम पर एक इलाक़ा ऐसा भी था, जो 20 घंटे बिजली और पानी से महरूम रहा. सुबह 10 बजे लाइट बंद हो गई. इसलिए की बाक़रगंज कर्बला के लिए तख़्त और ताज़ियों के जुलूस अपने-अपने इलाक़ों से चल दिए थे. कहीं कोई हादसा नहीं हो जाए और बिजली विभाग के अफसरों की गर्दन फंसे, उससे बचने के लिए पूरे क़िला इलाक़े की बिजली काट दी गई. तब शिद्दत की गर्मी थी. कुछ ही देर में इन्वर्टर भी जवाब दे गए. बिजली नहीं आई तो पानी भी नहीं मिल सका. एक तो गर्मी सता रही थी और ऊपर से प्यास भी नहीं बुझ पा रही थी. उन्हें ज़्यादा दिक़्क़त हुई, जिन्होंने 10 मुहर्रम यानी यौम-ए-आशूर पर रोज़ा रखा था. दरगाह आला हज़रत के संगठन तहरीक तहफ़्फ़ुज़-ए-सुन्नियत टीटीएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य परवेज़ ख़ान नूरी ने बताया कि मुहल्ला कंघी टोला की नूरी मस्जिद में मग़रिब की नमाज़ के दौरान वुजू़ के लिए पानी मयस्सर नहीं था, तब जैसे-तैसे जनरेटर की व्यवस्था करके पानी भरा गया.

महिलाएं, बच्चे, बुज़ुर्ग घरों में लाइट के बग़ैर शिद्दत की गर्मी में बिलबिलाते रहे. घरों के बाहर बैठकर ही बिजली चालू होने का इंतज़ार करते रहे. दूसरी तरफ चौपुला से क़िला मार्ग पर आधी रात के बाद तक मेले जैसा माहौल रहा. इस बार कुछ ताज़िये डीजे के साथ गुज़रे. वो एक बजे तक बाक़रगंज कर्बला पहुंच सके. उसके बाद बिजली चालू हुई और पांच या दस मिनट बाद फिर चली गई. क़िला सबस्टेशन के 10 एमवीए ट्रांसफार्मर में ख़राबी आ गई. पहले आप घरों के बाहर बैठकर परेशान हो रहे लोगों की बात सुनिए. उसके बाद बताएंगे कि सुबह बंद की गई क़िला इलाक़े में बिजली कब चालू हुई. बिजली के बग़ैर लाखों की आबादी की आंखों से नींद ग़ायब थी, लोगों का यहां तक कहना था कि सोने का प्रयास किया तो करवटें ही बदलते रहे.

गर्मी के सबब आंख नहीं लग सकी. द लीडर हिंदी को न्यू जसोली कॉलोनी में रहने वाले मोअम्मिर ख़ान ने बताया कि सुबह 10 बजे बंद की गई बिजली अगले दिन सुबह छह बजे आई. बहरहाल, तख़्त और ताज़ियों के जुलूस के मद्देनज़र बंद की जाने वाली बिजली से क़िला इलाक़े में रहने वाले बेहद ग़ुस्से में हैं. अगले साल भी अगर ऐसा ही रहा तो यह ग़ुस्सा छलक सकता है. तब यह मामला प्रशासन के लिए समस्या का सबब बन सकता है.