कोरोना से जीते पर कैंसर से हार गए भारतीय मुक्केबाजों के रोल मॉडल नगांगो डिंग्को सिंह

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द लीडर डेस्क।

एशियाई खेलों के भारत के लिए स्वर्ण पदक लाने वाले पद्मश्री सम्मानित डिंग्को सिंह लंबे संघर्ष के बाद गुरुवार को कैंसर से हार गए। भारत के अब तक के सबसे बेहतरीन मुक्केबाजों में से एक माने जाने वाले डिंग्को के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री किरण रिजिजू समेत कई लोगों ने शोक व्यक्त किया और उन्हें भारत में खेल के प्रति दीवानगी पैदा करने का श्रेय दिया।
डिंग्को सिंह को मई 2020 में कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया था। इस मुक्केबाज ने कोरोना को जल्द ही मात दे दी थी। 2017 से डिंको का लिवर कैंसर का इलाज चल रहा था। पिछले साल उन्हें कोविड-19 भी हुआ था। उनकी हालत बहुत खराब थी लेकिन वह कोरोना से रिकवर हो चुके थे। जनवरी 2020 में दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बाइलरी साइंसेज (ILBS) में डिंको को रेडिएशन थेरेपी दी गई थी। इसके बाद वह वापस इम्फाल चले गए थे। अप्रैल में उनकी तबीयत काफी बिगड़ी तो उन्हें एयरलिफ्ट करके वापस इसी अस्पताल में लाया गया। डिंको को पीलिया भी हो गया लेकिन कुछ दिनों के इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।

नगांगो डिंको सिंह का जन्म 1 जनवरी, 1979 को हुईड्रोम, मणिपुर में हुआ था। डिंको सिंह ने छोटी उम्र में ही 1989 में अंबाला में राष्ट्रीय बॉक्सिंग का सब-जूनियर खिताब जीत लिया था। डिको सिंह ने 1997 में अपना इंटरनेशनल बॉक्सिंग डेब्यू किया था। बैंकॉक में हुए किंग्स कप में उन्होंने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया था। इसके बाद डिंको 1998 में बैंकॉक एशियन गेम्स में 54 kg बैंटमवेट कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे थे। डिंको सिंह को भारतीय नौसेना में नियुक्त किया गया था और वह खिलाड़ियों को कोचिंग भी देते थे। हालांकि कैंसर होने के बाद से वह घर पर रहने को मजबूर थे। डिंको को 1998 में अर्जुन पुरस्कार और 2013 में पद्म श्री से नवाजा गया था।
वह मैरीकॉम जैसे कई स्टार बॉक्सर के रोल मॉडल रहे। मैरीकॉम ने पीटीआई से कहा, ‘वह रॉकस्टार थे, एक दिग्गज थे, एक योद्धा थे. मुझे याद है कि मैं मणिपुर में उनका मुकाबला देखने के लिए कतार में खड़ी रहती थी। उन्होंने मुझे प्रेरित किया।वह मेरे नायक थे। यह बहुत बड़ी क्षति है। वह बहुत जल्दी चले गए।
भारत के पेशेवर मुक्केबाजी सुपरस्टार विजेंदर सिंह ने कहा कि डिंग्को की जीवन यात्रा और संघर्ष हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।

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