अज़ान नमाज के लिए एक इस्लामी कॉल है, जिसमें कुछ ऐसे अल्फाज शामिल रहते हैं जो अकीदे का सार भी होते हैं और इस्लामी रिवाज को महसूस कराते हैं। आमतौर पर नमाज से पहले तय समय पर मुअज्जिन द्वारा अज़ान दी जाती है, जिसके साथ या उसके बाद नमाजी मस्जिदों में नमाज अदा करने पहुंचते हैं या फिर जिनको घर पर नमाज पढ़ना होती है, वे घर पर इबादत करते हैं। भारत में तो अजान को लेकर सियासत हो ही रही है, जिसमें कई लोगों ने अजान से नींद में खलल बताकर सुर्खियां बटोरी हैं। (Angry Man Stabbed Imam)
यह खलल किसी मुसलमान के लिए भी हो सकती है, वह भी उस मुल्क में, जहां ज्यादातर मुसलमान ही रहते हैं, यह हैरानी की बात है। खलल इस कदर महसूस किया कि इमाम को सबक सिखाने के लिए नमाजियों के बीच पीठ में छुरा ही घोंप दिया।
यह वाकया हुआ है अरबी देश ट्यूनीशिया में।
ट्यूनीशिया के महदिया शहर में एक मस्जिद के इमाम मुअज्जिन को एक सिरफिरे शख्स ने चाकू मार दिया। मगरिब की नमाज अदा करने के कुछ ही देर बाद यह घटना घटी। घटना के वक्त मस्जिद में मौजूद नमाजियों ने हमलावर को पकड़कर तुरंत पुलिस के हवाले कर दिया। (Angry Man Stabbed Imam)
स्थानीय मीडिया का कहना है संदिग्ध शख्स मग़रिब की नमाज़ से पहले मस्जिद में घुस गया और इमाम की पीठ में छुरा घोंप दिया। उसने अपराध स्वीकार भी कर लिया और कहा- ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह अज़ान की आवाज़ से तंग आ गया था और बहुत गुस्सा आ गया था।
बहरहाल, वारदात के बाद इमाम को तुरंत अस्पताल ले जाया गया और पीठ में फंसे चाकू को सर्जरी करने बाहर निकाला गया। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। (Angry Man Stabbed Imam)
ट्यूनीशिया में धार्मिक मामलों के मंत्री इब्राहिम अल शैबी कहना है कि वारदात को अंजाम देने वाले शख्स की दिमागी सेहत दुरुस्त नहीं है। उसने यह सिर्फ अज़ान की आवाज से परेशान होकर किया। वैसे, चर्चा यह भी रही कि हमलावर और इमाम के बीच अचल संपत्ति विवाद की वजह से ऐसा हुआ, लेकिन मंत्री शैबी ने इसको अफवाह बताकर खंडन किया।
इसी तरह की घटना पिछले महीने अफगानिस्तान में हुई थी। अफगानिस्तान के पूर्वी नंगरहार प्रांत के बेहसूद जिले में 25 अक्टूबर को एक अज्ञात बंदूकधारी ने मुफ्ती सैयदुल्ला मस्जिद के इमाम की गोली मारकर हत्या कर दी थी।