ख़ुशी दुबे की रिहाई को लेकर ब्राह्मण संगठनों में नाराजगी, हिंदूवादी नेता गोविंद पाराशर ने दी आत्मदाह की चेतवानी

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लखनऊ। कुख्यात अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद से यूपी में ब्राह्मणो का मुद्दा चर्चा में है तो अब ख़ुशी दुबे के जेल में बंद होने को लेकर ब्राह्मण नेताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है बीते दिनों जंहा भाजपा के एमएलसी उमेश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। किरण कमलेश  तिवारी ने शुक्रवार को लोहिया अस्पताल में ख़ुशी दुबे से मुलाकात की थी। वही अब गोविंद पाराशर ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि ख़ुशी दुबे मामले में  अगर 3 दिन में सीबीसीआईडी की जांच के आदेश नहीं हुए तो कानपुर के मुख्यालय पर आत्मदाह करेंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

गोविंद पाराशर ने सत्ता पक्ष के ब्राह्मण नेताओं से भी सवाल किया है कि यूपी में भाजपा में बैठे सत्ताधारी ब्राह्मण नेता उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा,ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और कानून मंत्री बृजेश पाठक ये बताये कि खुशी दुबे के आपराधिक इतिहास क्या है? ख़ुशी दुबे का क्या गुनाह है सत्ता में बैठे ब्राह्मण नेता बताये?इसके साथ ही खुशी दुबे को जेल से रिहा करने की भी मांग  मुख्यमंत्री से की है।

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कानपुर के कुख्यात विकास दुबे के भतीजे की अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे के पक्ष में आगरा के हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी ने बड़ा ऐलान किया है। खुशी दुबे को इंसाफ न मिलने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है। आगरा में राष्ट्रीय हिंदू परिषद भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद पाराशर ने प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से खुशी दुबे के मामले की जांच तीन दिन में सीबीसीआइडी को सौंपने की मांग की है। गोविंद पाराशर ने कहा है कि यदि खुशी दुबे की जांच तीन दिन में सीबीसीआइडी को स्थानांतरित नहीं की तो वह कानपुर में जिला मुख्यालय पर आत्मदाह कर लेंगे।

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कानपुर के बिकरू में पिछले साल दो जुलाई की आधी रात को पुलिस कुख्यात विकास दुबे के यहां दबिश दी थी। कुख्यात ने अपने साथियों के साथ मिलकर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। कुख्यात के दुस्साहस से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। सामूहिक हत्याकांड के बाद कुख्यात और उसके साथी को फरार हो गए थे। पुलिस ने विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे को कुछ दिन बाद ही मुठभेड़ में मार गिराया था।

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अमर दुबे की पांच दिन पहले ही खुशी दुबे से शादी हुई थी।अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। उसे बिकरु कांड की साजिश का आरोपित बनाया गया है। खुशी दुबे के नाबालिग होने के चलते अदालत के आदेश पर उसे सितंबर 2020 को बाराबंकी संप्रेक्षण गृह भेजा गया था। पांच दिन पहले खुशी की हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया। इस बीच खुशी दुबे की पोस्ट इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रही है।

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