द लीडर हिंदी: महिलाओं के 66 किलो भारवर्ग मुक्केबाजी में हंगरी की आना लूका हामोरी को 5-0 से हराकर ईमान खलीफा ने पेरिस ओलंपिक में अल्जीरिया के लिए एक मेडल पक्का कर दिया. लेकिन ये इतना आसान नहीं था. बता दें पेरिस ओलंपिक में अल्जीरिया की मुक्केबाज़ ईमान ख़लीफ़ विवादों में रहीं है. लेनिक इन विवादों से लड़ते हुए इन्होंने ओलंपिक में अपना पदक पक्का कर लिया है. अल्जीरिया की मुक्केबाज़ ईमान ख़लीफ़ ने 66 किलोग्राम वर्ग के क्वार्टर फ़ाइनल में हंगरी की मुक्केबाज़ अन्ना लुका हमोरी को 5:0 से हराकर ओलंपिक में अपना पदक पक्का किया है.पुरुष या महिला इसको लेकर चल रहे विवाद से हटकर इस बॉक्सर ने क्वार्टर फाइनल में दमदार प्रदर्शन करते हुए शानदार जीत दर्ज की. ओलंपिक में गुरुवार को हुए एक महिला बॉक्सिंग मैच के बाद विवाद होने से ईमान ख़लीफ़ चर्चा में आ गई थीं.
गुरुवार को इटली की मुक्केबाज़ एजेंला करिनी और अल्जीरिया की मुक्केबाज़ ईमान ख़लीफ़ के बीच हुआ मैच महज़ 46 सेकेंड में ही खत्म हो गया था.एजेंला करिनी ने एक रिपोर्ट से कहा था, ”मैं मैच पूरा नहीं कर पाई. मेरी नाक में तेज़ दर्द हुआ और मैंने अपने इस अनुभव के बाद ख़ुद से कहा कि मेरे पास जो अनुभव और महिला के रूप में जो परिपक्वता है, उसमें मेरा देश इसका बुरा नहीं मानेगा. मेरे पिता भी बुरा नहीं मानेंगे. लेकिन मैं रुक गई. मैंने ख़ुद से रुकने को कहा.”उन्होंने कहा था, ”ये मेरी पूरी ज़िंदगी के लिए यादगार मैच हो सकता था लेकिन उस वक़्त अपनी जान भी बचानी थी.”इसके बाद इस मैच को लेकर विवाद खड़ा हो गया था.
ईमान ख़लीफ़ के बायोलॉजिकली पुरुष होने पर बहस शुरू हो गई थी.विवाद को बढ़ता देख पेरिस ओलंपिक की बॉक्सिंग यूनिट और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर अपना पक्ष रखा था.आईओसी ने अपने बयान में कहा था कि पेरिस ओलंपिक के बॉक्सिंग टूर्नामेंट में सभी खिलाड़ी पात्रता और प्रवेश नियमों के मुताबिक हिस्सा ले रहे थे. साथ ही सभी खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक की बॉक्सिंग यूनिट के तय किए मेडिकल नियमों का अनुपालन भी करते हैं.
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