द लीडर हिंदी : बांग्लादेश से भागकर भारत आईं शेख हसीना ने आरोप लगाया था कि अमेरिका ने उनसे सेंट मार्टिन द्वीप मांगा था, जिसे न देने पर उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी. सवाल भी यहीं उठ रहे थे कि क्या बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट में अमेरिका का हाथ था. क्या अमेरिका की वजह से ही शेख हसीना को कुर्सी गंवानी पड़ी, क्या बांग्लादेश में सियासी संकट के पीछे अमेरिका ही था. अब इन तमाम सवालों पर अमेरिका का स्टैंड सामने आ गया है.बतादें अमेरिका ने बांग्लादेश में शेख़ हसीना से सत्ता छिनने के पीछे अपनी भूमिका होने के आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है. अमेरिका ने इसे सिर्फ़ और सिर्फ़ अफ़वाह बताया है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करिन जीन-पियरे ने कहा, “हमारी इसमें बिलकुल भी संलिप्तता नहीं है. ऐसी कोई भी रिपोर्ट झूठी है, जिसमें कहा गया है कि हालिया घटनाओं में (बांग्लादेश में सत्ता बदलने) अमेरिकी सरकार का हाथ है. सब अफवाह है.”उन्होंने कहा, “ये विकल्प खुद बांग्लादेश के नागरिकों ने अपने लिए चुना है. हमारा मानना है कि बांग्लादेश के लोगों को वहां की सरकार का भविष्य निर्धारित करना चाहिए.
जैसा कि मैंने कहा और कहती रहूंगी कि कोई भी आरोप सच नहीं है.”बांग्लादेश में छात्र कई महीनों से आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. जो इतना बढ़ा कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को इस्तीफ़ा देना पड़ा. उन्होंने देश भी छोड़ दिया.इसके बाद सेना ने अंतरिम सरकार बनाने का एलान किया.अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार के रूप में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को चुना गया है.https://theleaderhindi.com/clash-in-mumbai-over-change-in-waqf-law-maulana-tauqeer-also-jumped-into-shiv-sena-vs-shiv-sena-fight/