शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम का आवास घेरा, पुलिस ने लाठी फटकार जबरन खदेड़ा

द लीडर : उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बुधवार को एक बार फिर बेरोजगार युवाओं ने प्रदर्शन किया. 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए सैकड़ों अभ्यर्थियों ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का आवास घेर लिया.

हंगामा करते हुए आवास के बाहर धरने पर बैठ गए. मौके पर पहुंची पुलिस ने अभ्यर्थियों को लाठी फटकार कर खदेड़ दिया. भर्ती में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार से भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की मांग की.

शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले को लेकर कांग्रेस ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण पर डकैती के खिलाफ वंचित-पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम केशव मौर्य के आवास का घेराव किया.

योगी सरकार पिछड़ों को उनका अधिकार नहीं देगी सिर्फ पिछड़ों का वोट लेगी. आज भी इन नौजवानों को पुलिस की लाठी ही मिली.

शिक्षक भर्ती प्रकरण एक नजर में

शासन की ओर से 2018 में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती की अधिसूचना के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन टीचर सर्विस रूल, 1981 के अनुसार राज्य में लागू कानूनों और प्रावधानों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण लागू किया जाना था.

6 जनवरी 2019 को शिक्षक भर्ती की परीक्षा आयोजित हुई थी. परीक्षा के बाद 1 मई 2020 को चयन सूची जारी कर दी गई थी. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का आरोप है कि चयन सूची में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की सीटें अनारक्षित वर्ग को आवंटित कर दी गईं.

आरक्षण के नियमों का उल्लंघन करने पर अभ्यर्थियों ने पिछड़ा वर्ग आयोग से शिकायत की. जांच में आयोग को अनियमितताएं भी मिलीं थी. 29 मई 2021 को पिछड़ा वर्ग आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से इसे लेकर जवाब तलब किया. मगर सरकार इस पर जवाब देने से बच रही है.

सरकार की ओर से मामले में कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज अभ्यर्थी लखनऊ में ईको गार्डन और डिप्टी सीएम के आवास के बाहर धरना पहुंचे हैं.

5844 सीटों के आरक्षण में घोटाले का आरोप

लखनऊ में धरना देने पहुंचे ओबीसी-एससी वर्ग के अभ्यार्थियों ने आरोप लगाया है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के आरक्षण में धांधली हुई है. 5844 सीटों के आरक्षण में गलत तरीके से आरक्षण किया गया है.

इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से की जा चुकी है, लेकिन आश्वासन मिलने के अलावा कोई सुनवाई नहीं हुई.

अभ्यर्थियों का आरोप है कि उनकी सीटों को धांधली कर दूसरे वर्ग के लोगों को तैनाती दी जा रही है. वे इस मामले को लेकर हाईकोर्ट की शरण में भी गए. अदालत के आदेश के बावजूद भी बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.

सुरक्षा व्यवस्था की फिर खुली पोल

शिक्षक भर्ती के सैकड़ों अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से लखनऊ में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार सुबह उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सरकारी आवास तक पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया.

इससे एक बार फिर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई. अभ्यर्थियों के मूवमेंट की भनक नहीं लगना पुलिस और एलआईयू की बड़ी चूक को दर्शाता है.


3528 पदों पर सिपाहियों की भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों ने विधानसभा पर किया प्रदर्शन


राष्ट्रपति के दौरे के बीच सिपाही भर्ती को लेकर हुआ था प्रदर्शन

मंगलवार को राष्ट्रपति राम कोविंद के लखनऊ दौरे के बीच सिपाही भर्ती के अभ्यर्थियों के विधानसभा पहुंचकर प्रदर्शन करने पर भी पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी.

क्योंकि सख्त पहरे के बावजूद सैकड़ों अभ्यर्थी पैदल मार्च करते हुए चारबाग रेलवे स्टेशन से हजरतगंज तक पहुंच गए थे. जिन्हें बाद में पुलिस ने वहां से हटाकर ईको गार्डन भेज दिया था.

https://twitter.com/incmahmoodulhai/status/1410176954691555334?s=20

अजय लल्लू ने अभ्यर्थियों के साथ की प्रेस कांफ्रेंस

शिक्षक भर्ती के आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने अभ्यर्थियों के साथ प्रेस कांफ्रेंस की. इसमें उन्होंने कहा कि यह योगी सरकार है जो पिछड़ों और वंचितों को उनका अधिकार नहीं देगी, सिर्फ पिछड़ों का वोट लेगी.

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

Related Posts

तीन चेहरों वाला आरिफ: नाम, जन्मतिथि और पहचान बदलकर बनवाए तीन पासपोर्ट, चौथे में हुआ भंडाफोड़ जांच में जुटी खुफिया एजेंसियां

रामपुर/बरेली – फर्जीवाड़े का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें रामपुर निवासी एक युवक ने अपनी पहचान और दस्तावेजों से ऐसा जाल बिछाया कि पासपोर्ट विभाग भी वर्षों…

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिया 7 दिन का वक्त, तब तक वक्फ में नियुक्ति पर रोक

वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।