द लीडर : रामपुर से सांसद और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुहम्मद आज़म ख़ान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से ज़मानत मिल गई है. ये ज़मानत ज़मीन क़ब्ज़ाने से जुड़े एक मामले हैं. फिलहाल आज़म ख़ान अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे. उनके ख़िलाफ दो और ऐसे मामले हैं, जिनमें अदालत का फैसला सुरक्षित है. (Bail Granted Azam Khan)
आज़म ख़ान पिछले क़रीब दो साल से सीतापुर जेल में बंद हैं. जेल से ही उन्होंने रामपुर सदर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा है. आज़म ख़ान के ख़िलाफ क़रीब 85 मामले दर्ज़ थे. जिनमें 83 में उन्हें ज़मानत मिल चुकी है. मंगलवार को उन्हें जिस मामले में ज़मानत मिली है. वो ज़मीन क़ब्ज़ाने से जुड़ा है. हालांकि इस मामलें ज़मानत याचिका मंज़ूर होने के साथ ही उम्मीद भी जताई जाने लगी है कि अब वह जल्द ही जेल से बाहर आ जाएंगे.
पिछले क़रीब तीन दशकों में ये पहला मौक़ा है, जब यूपी के चुनावी मैदान में आज़म ख़ान की आवाज़ सुनाई नहीं दी. लेकिन चुनावी अखाड़े में वह पूरी ताक़त के साथ खड़े हैं. यही वजह है कि इस बार रामपुर का चुनाव काफी दिलचस्प है. क्योंकि आज़म ख़ान ने इसे जेल से लड़ा है.
दूसरा दिलचस्प तथ्य है कि इस चुनाव में आज़म ख़ान के वे दोनों धुर विरोधी ही मैदान में हैं, जिनकी उन्हें जेल पहुंचाने में रही है. चाहे वह नवाब ख़ानदान के नावेद मियां हों या फिर भाजपा नेता आकाश सक्सेना. ये दोनों नेता आज़म ख़ान के ख़िलाफ चुनाव लड़े. इसलिए इस हाईप्रोफाइल सीट पर सबकी नज़र है.