लोकसभा में बोले अखिलेश यादव, अधर में जो लटकी, वो तो कोई सरकार नहीं

0
13

द लीडर हिंदी : 18वीं लोकसभा के पहले सत्र यानी आज मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाषण देते हुए सरकार को घेरा.लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था पर आंकड़े छुपा रही है.उन्होंने आगे कहा कि सबसे पहले उन सभी मतदाताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने लोकतंत्र को एकतंत्र बनाने से रोका. चुनाव के समय ऐसा कहा गया कि 400 पार पर समझदार जनता को फिर से धन्यवाद. उन्होंने कहा, ‘आवाम ने तोड़ दिया हूकुमत का गुमार, दरवार तो लगा है, मगर बड़ा गमगीन बेनूर है और पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है. जनता कह रही है कि चलने वाली नहीं, यह गिरने वाली सरकार है.शायराना अंदाज में अखिलेश यादव ने कहा क्योंकि ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में जो लटकी, वो तो कोई सरकार नहीं.बतादें मजबूती के साथ लोकसभा में विराजमान विपक्ष मौजूदा सरकार पर लगातार वार कर रहा है.

फिर चाहे राहुल गांधी हो या फिर अखिलेश यादव.दोनों ही मोदी सरकार को आड़ें हाथों लेते नजर आ रहे है.कल सोमवार राहुल गांधी ने लोकसभा में बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा.वही आज अखिलेश यादव भी वार पर वार करते नजर आ रहे है.अखिलेश यादव ने कहा, ‘इस चुनाव में पूरे इंडी गठबंधन की जीत हुई है. यह इंडिया की सकारात्मक जीत हुई है. 2024 का परिणाम हम इंडिया वालों के लिए जिम्मेदारी से भरा पैगाम भी है. हम यह भी कहे 15 अगस्त 1947 अगर आजादी का दिन था, तो 4 जून 2024 देश के लिए सांप्रदायिक राजनीति से आजादी का दिन रहा. सबसे अच्छी बात यह है कि सांप्रदायिक राजनीति की हार हो गई. लोकसभा में अग्निवीर का मुद्दा उठाते हुए सांसद अखिलेश यादव ने कहा हम अग्निवीर योजना को स्वीकार नहीं करते, जब कभी ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आएगा तो हम इस योजना को खत्म कर देंगे.

ईवीएम से उठा अखिलेश यादव का भरोसा
वही लोकसभा में भाषण देते हुए अखिलेश यादव ने कहा-ईवीएम पर मुझे आज भी भरोसा नहीं है, मैं उत्तर प्रदेश में 80 सीट भी जीत जाऊं तब भी ईवीएम पर भरोसा नहीं होगा.

अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर पहुंची है. अगर हमारी सरकार कहती है कि हम 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बना लेंगे. लेकिन अगर उत्तर प्रदेश की इकॉनमी को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनना है तो 35 प्रतिशत की ग्रोथ चाहिए. मुझे नहीं लगता है कि हमें ये लक्ष्य हासिल कर पाएगा. पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था की बात करते हैं हम हंगर इंडेक्स में कहां खड़े हैं. जो लोग चुनाव को अपने तरीके से मोड़ते हैं मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि अध्यक्ष महोदय तोड़ने वाली राजनीति को तोड़ दिया है और जोड़ने वाली राजनीति की जीत हुई है.