द लीडर हिंदी : यूपी के ज़िला बरेली में दो संप्रदायों के बीच टकराव में पुलिस ने बेहद सख़्त कार्रवाई की है. शाही के गांव ग़ौसगंज में दूसरे संप्रदाय के घरों पर हमले की FIR में 33 नामज़द हैं. यह मुक़दमा हीरालाल पुत्र रामदयाल की तरफ से लिखा गया है. एक मुक़दमा एसओ शाही अमित कुमार ने अपनी तरफ से 75 के खिलाफ़ दर्ज किया है. दोनों मुक़दमों में गंभीर धाराएं लगाई गईं हैं. अफसर अली, इमरान, मुख़्तेयार, अब्दुल सलाम, इरफ़ान, ज़ीशान, नासिर, हसनैन पुत्र रिफत, असगर, दिलशाद, राशिद, हसनैन पुत्र अल्लानूर, बख़्तावर, मुस्तफ़ा अहमद, गुड्डू, राशिद, फहीम, युसूफ़, मुहम्मद हनीफ़, महबूब, तसलीम, क़ादर आसिफ़ पुत्र अब्दुल समद, हनीफ़, समीर, रेहान पुत्र असलम, फ़ारूख़, मुहम्मद नसीम, रेहान पुत्र रियासत, अशफ़ाक़, असलम, उवैस, आसिफ पुत्र भूरा को पहले ही जेल भेजा चुका है. इनमें ज़्यादातर की उम्र 19 से 30 साल के बीच है. इसके बाद पुलिस रात में दबिश दे रही थी.
पता लगा कि जंगल में हमले के आरोपी भागने की कोशिश में हैं. आधी रात के बाद बिहारीपुर और भमोरा के बीच सरकारी नल के पास एक बाइक को रुकने का इशारा किया तो उस पर सवार दो लोग तेज़ी से भागने लगे. पुलिस की घेराबंदी से बाइक फिसल गई. घिरा देखकर उन्होंने गोली चला दी, जिससे हेड कांसटेबिल नफ़ीस अहमद घायल हो गए. पुलिस ने जवाबी फायरिंग की तो दो में से एक युवक के लगी. जिसे पुलिस टीम ने दबोच लिया. दूसरे को कांबिंग करके झाड़ियों से पकड़ा गया. पुलिस ने बताया कि जिसके गोली लगी है, उसका नाम आलमगीर है. दूसरा नज़ाकत अली है.
पुलिस घायल हेड कांसटेबिल और बवाल के आरोपी को पहले सीएचसी खिरका और फिर ज़िला अस्पताल ले आई. उनसे 315 बोर का तमंचा, दो कारतूस और एक खोखा मिला है. यह वही घटना है, जो 10 मुहर्रम के दो दिन बाद हुई. इसकी वजह तो मस्जिद से सटे घर की छत से टॉर्च की रोशनी दूसरे संप्रदाय के घरों पर डालना बताई गई लेकिन इसे मुहर्रम पर ताज़िया देवस्थान के सामने रखने और ढोल बजाने से मना करने के विवाद से जोड़ा जा रहा है.
मिश्रित आबादी वाले इस गांव में पुलिस अलर्ट है. ड्रोन से भी गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है. गुज़रे दिन यहां बरेली के सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार और मीरगंज के विधायक डॉ. डीसी वर्मा भी पहुंचे थे. रविवार को गौसगंज के लोग इकट्ठा होकर दरगाह आला हज़रत आए. उनका कहना है कि एकतरफा कार्रवाई की जा रही है. हमारी कोई सुनने को तैयार नहीं है. घटना को लेकर एसपी दक्षिण मानुष पारीक का कहना है कि गांव का माहौल ख़राब करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा.