छोटी दिवाली के बाद लखनऊ-कानपुर समेत बड़े शहरों में वायु प्रदूषण बना चिंता का विषय

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द लीडर | दशहरा से दीपावली तक ठंड धीरे-धीरे बढ़ती रहती है. वातावरण में शाम होते ही नमी बढ़ने लगती है. उत्तर प्रदेश में मौसम के सर्द होने के साथ-साथ हवा भी जहरीली होती जा रही है. तमाम अपीलों और सरकारी प्रयासों के बाद भी छोटी दीपावली पर लोगों ने मनभर पटाखे जलाए. इससे उत्तर प्रदेश के कई शहरों में गुरुवार को दीपावली के दिन सुबह का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बढ़ा हुआ दर्ज किया गया.

कानपुर बना सबसे प्रदूषित शहर 

लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद समेत बड़े शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति पर शासन सख्त हो गया है। छोटी दीपावली में पटाखे चलाए जाने के कारण कानपुर ने वायु प्रदूषण में देश की राजधानी दिल्ली को पीछे छोड़ दिया है. कानपुर के नेहरू नगर स्टेशन पर गुरुवार को दीपावली के दिन सुबह का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 325 पहुंच गया.


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प्रयागराज में दिन पर दिन बढ़ रहा AQI

दूसरी तरफ संगमनगरी प्रयागराज में छोटी दिवाली में आतिशबाजी के बाद वायु प्रदूषण बढ़ गया है. गुरुवार को प्रयागराज का एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा 186 तक पहुंच गया. सोमवार को प्रयागराज का एयर क्वालिटी इंडेक्स 161, मंगलवार को 167 और बुधवार को 171 था. एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है.

मेरठ में सांस लेना हुआ मुश्किल 

छोटी दीपावली के दिन आतिशबाजी से मेरठ शहर का AQI 335 पर पहुंच गया. शहर की हवा सांस लेने के लिए बहुत खराब हो गई है. दीपावली पर प्रदूषित हवा से सेहत बिगड़ने की आशंका है. मौसम वैज्ञानिकों ने लोगों से पटाखे न जलाने की अपील की है. हवा की रफ्तार कम होने से प्रदूषण बढ़ गया है.

दीपावली के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स और ज्यादा होने की आशंका है. एक्यूआई बढ़ने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. कुछ लोगों ने प्रदूषण के कारण अपनी आंखों में जलन होने की बात कही है. चिकित्सकों ने लोगों को मास्क पहनने और प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचने की सलाह दी है.


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राजधानी लखनऊ का हाल 

राजधानी लखनऊ की आबोहवा को बढ़ता प्रदूषण बिगाड़ रहा है. इसे देखते हुए जिला और मंडलीय स्तर पर हुई बैठकों में निर्देश दिए गए कि चौराहों पर जाम न लगने दें, क्योंकि इससे प्रदूषण स्तर बढ़ता है. जिला स्तर पर डीएम अभिषेक प्रकाश खुद एक दर्जन से अधिक बैठकों में निर्देश दे चुके हैं.

इसके बावजूद न तो ट्रैफिक व्यवस्था सुधरी, न प्रदूषण ही घटा. लखनऊ के तालकटोरा की हवा सबसे ज्यादा जहरीली है. यहां का एक्यूआई 248 दर्ज किया गया है. हालांकि, यह पहले से बेहतर है. शुक्रवार को यहां का एक्यूआई 310 था. अन्य इलाकों के मुकाबले राजधानी में तालकटोरा का प्रदूषण सबसे ज्यादा रहा है.

राजधानी में प्रदूषण का स्तर

  • पूरा शहर 214
  • तालकटोरा 310
  • गोमतीनगर 223
  • लालबाग 208
  • आशियाना 165
  • इन्दिरा नगर 192

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