द लीडर | पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया है। अरविंद केजरीवाल ने इसका ऐलान किया। केजरीवाल ने बताया कि पब्लिक वोटिंग से इसका फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि 21 लाख से ज्यादा पंजाब के लोगों ने पब्लिक वोटिंग में अपना मत दिया था, जिसमें से 93.3 फीसदी ने भगवंत मान का नाम लिया।
क्या बोले भगवंत मान
इस एलान के बाद भगवंत मान ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अगर हमारे हाथ में पंजाब की सत्ता आएगी, तो हम हमेशा पंजाब के लोगों के हित में फैसला लेंगे। हम किसी लालच या दबाव में नहीं आएंगे। भगवंत मान ने कहा, पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है, लोगों ने भरोसा किया है। दोगने उत्साह से काम करूंगा। गरीबों के हक में कलम चलाऊंगा, किसी चेले के लिए नहीं। हम सबकी पहली जिम्मेदारी सरकार बनाने की है। इसके बाद युवाओं को नौकरी देनी है। पंजाब को पंजाब बनाना है, लंदन-कैलिफोर्निया के सपने बहुत देख लिए।
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पेशे से कॉमेडियन हैं भगवंत मान
भगवंत मान इस समय पंजाब में आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं। पेशे से कॉमेडियन भगवंत मान जट्ट सिख समुदाय से आते हैं। पंजाब की राजनीति में जट्ट सिख समुदाय 19 प्रतिशत है। हालांकि ये पंजाब का सबसे बड़ा वोट बैंक नहीं है लेकिन पंजाब की राजनीति में ये समुदाय ही सबसे ताकतवर माना जाता है।
2014 में AAP के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे
भगवंत मान मार्च 2014 में आप में शामिल हुए और अपने गृह जिले संगरूर से दो लाख से अधिक वोटों के अंतर से लोकसभा चुनाव जीता। राजनीति में, मान 2019 में AAP के लोकसभा चुनाव में एकमात्र सिल्वर लाइनिंग थे। उन्होंने 2019 में उन्होंने संगरूर सीट अपने पास बनाए रखी, लेकिन इस उन्हें एक लाख से अधिक वोटों से जीत मिली।
संगरूर में भगवंत मान की मजबूत फैन-फॉलोइंग
संगरूर में भगवंत मान की मजबूत फैन-फॉलोइंग है। मान के सपोर्टर्स उन्हें नागरिक अधिकारों को लेकर मतदाताओं के साथ जुड़ाव का श्रेय देते हैं। एक सपोर्टर ने कहा, “यह उनकी वजह से है कि हमें एक मतदाता और एक नागरिक के रूप में अपने अधिकारों के बारे में पता चला।”
AAP के सर्वे में सिद्धू का भी नाम
केजरीवाल ने बताया कि पब्लिक वोटिंग में 21 लाख से ज्यादा लोगों ने वोट किया। इसमें 93.3 फीसदी वोट भगवंत मान के फेवर में थे। वहीं दूसरे नंबर पर नवजोत सिंह सिद्धू का नाम था। बता दें कि सिद्धू कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं।केजरीवाल के मुताबिक, AAP के सर्वे में सिद्धू को भी 3.6 फीसदी वोट मिले थे। केजरीवाल ने कहा कि कई ने मुझे भी सीएम बनाने का मत दिया, लेकिन मैंने पहले ही कहा था कि पंजाब में मैं सीएम उम्मीदवार नहीं बनूंगा।
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केजरीवाल पहले ही दे चुके हैं संकेत
लंबे समय से कयास लगाए जा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी पंजाब के लिए भगवंत मान को सीएम फेस बना सकती है। पार्टी में सीएम चेहरे की रेस में भगवंत मान ही सबसे आगे चल रहे हैं। वहीं आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दी पंजाब में जनता को संबोधित करते हुए मंच से कहा था कि उन्हें भगवंत मान पार्टी के सीएम चेहरे के तौर पर पसंद है।
राजनीति के चक्कर में छूटा परिवार
भगवंत मान की शादी इंद्रप्रीत कौर से हुई थी हालांकि 2015 में दोनों अलग हो गए। दोनों के दो बच्चे हैं। एक इंटरव्यू में भगवंत मान ने खुद बताया था कि वह राजनीति के चक्कर में अपने परिवार को समय नहीं दे पाते थे, इसलिए उनकी पत्नी और वह सहमति से अलग हो गए।
ऐसे आम आदमी पार्टी में आए
भगवंत मान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मनप्रीत सिंह बादल की पार्टी पंजाब पीपल्स पार्टी से की थी। वह 2012 में लहरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए। बाद में मनप्रीत कांग्रेस में शामिल हो गए और भगवंत मान आम आदमी पार्टी में आ गए ।
मालवा से हैं मान
पंजाब को आमतौर पर तीन क्षेत्रों में बांटा जाता है। इनमें दोआबा, मालवा और माझा शामिल है। मालवा बाकी दोनों क्षेत्रों से बड़ा है और 117 विधानसभा सीटों में से 69 सीटें इसी क्षेत्र में आती हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर माझा क्षेत्र आता है, यहां पर कुल 25 विधानसभा सीटें हैं। सबसे आखिर में दोआबा है, यहां पर 23 विधानसभा सीटें हैं। इतिहास गवाह है कि पंजाब में सत्ता पर मालवा का दबदबा हमेशा कायम रहा है। 1966 में हरियाणा के अलग होने के बाद से अब तक पंजाब में 18 मुख्यमंत्री बन चुके है। जबकि पंजाब में पांच बार राष्ट्रपति शासन भी लगा है। 17 मुख्यमंत्रियों का नाता मालवा क्षेत्र से रहा है।
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