अतीक खान
भारत में अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं. उत्तर प्रदेश भी इनमें से एक है, जिससे केंद्र की सत्ता का रास्ता तय होता है. चुनाव में काफी वक्त नहीं है. राजनीतिक दल मैदान में डटे हैं. और साथ-साथ नफरत का बवंडर भी चल पड़ा है. निशाने पर अल्पसंख्यक-मुसलमान हैं. उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्वोत्तर राज्यों तक उन्हें टारगेट किए जाने के घटनाक्रम सामने आ रहे हैं. यहां तक कि शाहरूख खान जैसे सुपरस्टार और क्रिकेटेर मुहम्मद शमी तक, इसके थपेड़ों से नहीं बच पाए. (Hatred Mob Against Muslim)
ताजा घटनाक्रम गुजरात के आनंद का है. जहां एक मुस्लिम रेस्टोरेंट खोले जाने के विरोध में भीड़ सड़क पर उतर आई है. रेस्टोरेंट के बाहर जय श्रीराम के नारे लगाए जा रहे हैं. इस धमकी के साथ कि, भारत में रहना होगा, तो जय श्रीराम कहना होगा. खैर, इस तरह की नारेबाजी का ये कोई पहला वाक्या नहीं है. हिंदी पट्टी के राज्यों में ऐसा आम है.
भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की हार के बाद मुहम्मद शमी ट्रोलर के निशाने पर हैं. या यूं कहें कि शमी के सहारे मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है? क्यों, ये बताने की जरूरत नहीं.
बिहार के किशनगंज में मुसलमानों पर ये इल्जाम लगाया गया कि, पाकिस्तान की जीत पर मुसलमानों ने पटाखे फोड़े हैं. पुलिस ने इसकी जांच की, तो मामला फर्जी पाया गया. पता लगा कि एक शादी में पटाखे फोड़े गए थे. डीएसपी अजित कुमार ने कहा, मामला फर्जी पाया गया है. ऐसा करने वालों के खिलाफ 25-25 हजार का बांड भरवाकर छोड़ दिया गया है. (Hatred Mob Against Muslim)
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आर्यन खान ड्रग्स में अब तक जो तथ्य सामने आए हैं. उनमें एनसीबी ने ही स्पष्ट किया है कि आर्यन ड्रग्स नहीं लेते हैं. लेकिन ड्रग्स ट्रैफिकिंग में शामिल हैं. आर्यन के एक साथी के पास से बरामद ड्रग्स की पुड़िया से उनका कनेक्श जोड़ा जा रहा है. आर्यन मामले में अब एनसीबी के ऑफिसर समीर वानखेड़े ही उगाही को लेकर कठघरे में हैं. और उनके खिलाफ जांच बैठ चुकी है.
हाल ही में गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से 3000 किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी. इतनी भारी मात्रा में ड्रग्स किसने मंगाई? देश में नशे के इतना बड़ा सौदागर कौन है? इस पर न बहस हुई न आर्यन केस जितनी गहन जांच.
त्रिपुरा में मस्जिदों पर हमले
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पर भड़की हिंसा के जवाब में त्रिपुरा के मुसलमानों को निशाना बनाया गया. हिंदुत्वादी दलों की रैली में शामिल भीड़ ने करीब 7 मस्जिदों पर हमले किए. घरों में तोड़फोड़ की. चार दिनों तक राज्य में हालात तनावपूर्ण रहे. जमीयत उलमा-ए-हिंद की मांग पर पुलिस ने 151 मस्जिदों को सुरक्षा दी है. लेकिन स्थितियां अभी भी सामान्य नहीं हो पाई हैं. (Hatred Mob Against Muslim)
असम में मोईनुल हक की हत्या
असम के दरांग जिले में पिछले महीने मोईनुल हक की हत्या का वीडियो दुनिया भर में वायरल हुआ. अतिक्रमण हटाने के विरोध पर पुलिस ने ग्रामीणों पर फायरिंग कर दी थी. जिसमें मोईनुल हक मारे गए. लेकिन पुलिस के साथ एक वीडियोग्राफर मोईनुल की छाती पर कूदता है. उनकी लाश को जेसीबी से घसीटा जाता है. इस पर देश भर से जबरदस्त विरोध शुरू हुआ तो सरकार ने जांच बिठाई.
नफरत की नई प्रयोगशाला बनकर उभरा एमपी
मध्यप्रदेश में नफरत के नए प्रयोग देखने को मिल रहे हैं. चूड़ीवाले तस्लीम पर हमले के बाद से लगातार अल्पसंख्यक कामकाजी और मजदूरों के साथ मारपीट, अभद्रता की घटनाएं सामने आ रही हैं. हाल ही में अपने ही कॉलेज की गरबा पार्टी में शामिल हुए मुस्लिम छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इसलिए, क्योंकि हिंदूवादी संगठनों ने उन पर लव जिहाद का आरोप लगाकर हंगामा काटा था. (Hatred Mob Against Muslim)