भोजन, गैस और बिजली की कमी और भी बदतर हो जाएगी, भुखमरी होगी : आर्थिक संकट के बीच श्रीलंकाई संसद अध्यक्ष

द लीडर। देश में आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धन ने कहा कि, हमें बताया जाता है कि, यह सबसे खराब संकट है, लेकिन मुझे लगता है कि, यह अभी शुरुआत है। उन्होंने आगे कहा कि, भोजन, गैस और बिजली की कमी और भी बदतर हो जाएगी। भोजन की बहुत गंभीर कमी और भुखमरी होगी।

नए वित्त मंत्री ने 24 घंटे से भी कम समय में दिया इस्तीफा

श्रीलंका के नवनियुक्त वित्त मंत्री अली साबरी ने अपनी नियुक्ति के 24 घंटे से भी कम समय बाद मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, साबरी ने कहा कि उन्होंने केवल अंतरिम उपाय के रूप में पोर्टफोलियो को स्वीकार किया था।


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उन्होंने कहा कि, अगर राष्ट्रपति मौजूदा संसद के बाहर से स्थिति को संभालने के लिए उपयुक्त व्यक्ति को नियुक्त करना चाहते हैं तो वह अपनी संसदीय सीट से भी इस्तीफा देने को तैयार हैं। साबरी ने स्थानीय मीडिया को यह भी बताया कि उनका इस्तीफा अंतरिम सरकार की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करने के लिए था।

मंत्रियों को कल ही नए मंत्रिमंडल में शपथ दिलाई थी

आर्थिक अस्थिरता और द्वीप राष्ट्र में ईंधन की गंभीर कमी के बीच विरोध प्रदर्शनों के जवाब में श्रीलंकाई मंत्रिमंडल ने रविवार रात को अपने पदों से इस्तीफा देने की पेशकश की थी, जिसके बाद सेबरी और तीन अन्य मंत्रियों को सोमवार को नए मंत्रिमंडल में शपथ दिलाई गई थी।

श्रीलंका को कई दिनों से सार्वजनिक विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें सरकार द्वारा आर्थिक संकट, बिजली कटौती और ईंधन और अन्य आवश्यक आपूर्ति में कमी को हल करने के लिए तत्काल उपाय किए जाने की मांग की जा रही है।

सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) ने संसद से अपना बहुमत खो दिया क्योंकि मंगलवार को 42 सांसदों ने खुद को निर्दलीय घोषित कर दिया। सोमवार को, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सभी राजनीतिक दलों को मौजूदा संकट का समाधान खोजने के लिए सरकार में शामिल होने का निमंत्रण दिया है।

सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा श्रीलंका

गौरतलब है कि, श्रीलंका इस समय अपने इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। विदेशी मुद्रा की कमी के कारण श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक और ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका में ईंधन-गैस, खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की किल्लत की वजह से महंगाई आसमान छू रही हैं। जिसके कारम जनता विद्रोह पर उतर आई है।


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