कैलेंडर में साल बदल जाने से ज्यादातर लोगाें के लिए कुछ नहीं बदलता। न दोस्ती और न दुश्मनी। जिंदगी का ढर्रा भी कहां बदलता है। भूगोल-इतिहास भी नहीं बदलता। जीने की जिद्दोजहद बदस्तूर जारी रहती है। पांच दशकों से वास्तविक जंग से दो अरबी मुल्क इसी सोच से जंग लड़ रहे हैं। एक ही जमीन पर हकदारी की इस जंग में हजारों जानें जा चुकी हैं, हजारों बेघर और यतीम हो गए, लेकिन दुश्मनी का सिलसिला थमा नहीं। इस बार नए साल पर भी उन्होंने एक दूसरे पर रॉकेट दागकर साफ कर दिया, कि कैलेंडर ही बदल रहा है, कील नहीं। (New Year Firing Rockets)
नए साल पर यह नजारा दिखा, इजरायल और फिलिस्तीन के बीच गाजा पट्टी पर। दोनों ओर से जमकर रॉकेटबाजी हुई। यह जश्न भी था और चुनौती भी। हमास से शासित गाजा की ओर से रॉकेट दागे जाने के बाद इजरायली सेना ने रविवार तड़के हमास के ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए।
दक्षिणी गाजा पट्टी के खान यूनिस में फिल्माए गए एक वीडियो में तीन बड़े विस्फोट देखे जा सकते हैं और लड़ाकू विमानों की आवाजें सुनी जा सकती हैं।
इस हमले में हताहतों की कोई खबर नहीं है।
इजरायली सेना के अनुसार, हमले एक रॉकेट निर्माण सुविधा और हमास की एक सैन्य चौकी को नष्ट करने के लिए किए गए थे। (New Year Firing Rockets)
सेना ने अपने क्षेत्र से होने वाली किसी भी हिंसा के लिए आतंकवादी समूह को भी जिम्मेदार ठहराया।
इससे पहले एक जनवरी, शनिवार को गाजा से दो रॉकेट दागे जाने के बाद जवाबी कार्रवाई में हवाई हमले हुए। जो मध्य इज़राइल से होकर भूमध्य सागर में गिरे थे।
गाजा का उग्रवादी समूह हमास अक्सर समुद्र की ओर मिसाइलों का परीक्षण करता है। इस पर यह साफ नहीं कहा जा सकता कि रॉकेट इजरायल को टारगेट करके दागे गए या नहीं। (New Year Firing Rockets)
गाजा की ओर से दागे गए रॉकेट से भी किसी के हताहत होने या नुकसान की कोई खबर नहीं है।
गाजा में, फिलिस्तीनी उग्रवादियों ने बुधवार को सुरक्षा बाड़ के पास एक इजरायली नागरिक को गोली मारकर घायल कर दिया। बाद में इस्राइल ने हमास के कई ठिकानों को निशाना बनाकर टैंकों से गोले दागकर जवाब दिया।