मानव इतिहास में तरक्की के नाम पर लूट का इतिहास रचने की दास्तान कितनी गमगीन है, इसका अंदाजा बुधवार को बेनिन के मंजर ने दिखाया। हालांकि ज्यादातर लोग तो यह भी नहीं जानते कि बेनिन एक देश है। अफ्रीका महाद्वीप का यह देश आज भी बेहद गरीब है और अपनी बदकिस्मती से बाहर आने को छटपटा रहा है। (Looted Heritage 130 Years)
चलिए पूरी बात बताते हैं।
बेनिन में बुधवार को देश भर से सैकड़ों लोग खजाने की वापसी देखने को सड़कों पर उमड़ पड़े। जवान, बच्चे, बुजुर्ग रंगीन कपड़े पहने, खजाने से लदे ट्रकों के गुजरते ही तालियां बजाते, कुछ जमीन पर झुक जाते, रोते या सीने पर हाथ ऐसे रखते, जैसे गर्व का यह लम्हा शायद उनकी जिंदगी में पहली बार आया हो।
इस मौके पर बेनिन के राष्ट्रपति पैट्रिस टैलोन राष्ट्रीय एकता पर केंद्रित 30 मिनट का भाषण देते हुए इतने भावुक हो गए कि आंखों से आंसू झरने लगे।
राष्ट्रपति ने 130 साल पहले लूटे गए खजाने की ओर इशारा कर कहा, “यह हमारी आत्मा, हमारी पहचान है, बेनिन के सम्मान की वापसी का प्रतीक है।”
आखिर यह खजाना क्या था? जिसको देखने की हसरत लिए लोग ढोल-नगाड़े बजाकर नाचते-कूदते आ रहे थे और इतने जज्बाती हो रहे थे। (Looted Heritage 130 Years)
दरअसल, राष्ट्रपति टैलोन और देश के संस्कृति मंत्री ने सदियों पुरानी बेनिन की 26 कलाकृतियों को वापस देश में लाने के लिए मंगलवार को पेरिस की यात्रा की थी। इसलिए कि अफ्रीकी विरासत को बहाल करने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने घोषणा की थी। टैलोन और मैक्रों की मुलाकात भी कम जज्बाती नहीं रही।
मैक्रों ने गर्मजोशी से पूरे सम्मान के साथ बेनिन के राष्ट्रपति का स्वागत किया और अपने अधिकारियों को आदेश दिया कि बिना देरी किए उपनिवेशवादी दौर में फ्रांस द्वारा लूटी गई कलाकृतियों को बेनिन भिजवाया जाए।
यह सब इतनी तेजी से हुआ कि बेनिन के लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिला और वे उतावले हो गए ऐतिहासिक विरासत देखने को।
उत्तरी बेनिन की रहने वाली मार्टीन विग्नन अगोली-अग्बो ने कलाकृतियों की वापसी देखने के लिए अपनी दो बेटियों के साथ 500 किलोमीटर (310 मील) से ज्यादा दूरी का सफर कर डाला। (Looted Heritage 130 Years)
एएफपी से बातचीत में उन्होंने कहा, “मैं इस पल के बारे में बताने की हालत में नहीं हूं। मेरे बच्चे मेरे साथ हैं, एक दिन वे अपने बच्चों को बता पाएंगे।”
एक शिल्पकार मार्सेल हौंकोन्नौ ने कहा, “जब ट्रक मेरे पास से गुजरा, तो जैसे मैं बर्फ की तरह जम सा गया। उस वक्त मैंने देश से प्यार, वफादारी, सम्मान की निशानी के रूप में अपना माथा जमीन पर टिका दिया।”
“इन सभी चीजों को हमारे पूर्वजों ने छुआ, ये कलाकृतियां आज एक तरह से उनकी छाया हैं, उनका स्पर्श हैं,” उन्होंने कहा।
जब ट्रक राष्ट्रपति भवन पर पहुंचे तो सफेद कपड़ों में हार पहने दो छोटी लड़कियों ने जमीन पर प्रसाद के रूप में पानी छिड़का। (Looted Heritage 130 Years)
लोक कलाकारों ने गीत-संगीत पेश करके मौजूद लोगों के मन में देश और इतिहास को जीवंत कर दिया।
समारोह में मौजूद रहे मौजूदा राजा अबोमी सागबदजौ ग्लेले ने एएफपी से कहा, “मैं इस आनंद के क्षण की व्याख्या नहीं कर सकता, जिसने मुझे अपने सीने से चिपका लिया, जैसे ये चीजें इस इरादे से गई थीं कि उनको लौटना है एक दिन, जिससे हमारे पूर्वजों की आवाज और शब्द सच साबित हो सकें, कि हम गुलामी को मंजूर नहीं करेंगे।”
कलाकृतियाें में बेनिन प्राचीन साम्राज्य के दौर की अनमोल चीजें और कुलदेवता की मूर्तियां हैं, जिन्हें फ्रांसीसी औपनिवेशिक सैनिकों ने अबोमी महल को नेस्तोनाबूद करने के दौरान 1892 में लूटा था। वर्ष 1818 से 1858 के बीच अबोमी राज्य पर शासन करने वाले राजा घेजो का सिंहासन भी लूटा गया।
फ़्रांस में ज्यादातर अफ्रीकी कलाकृतियों को क्वाई ब्रैनली संग्रहालय में रखा गया है, जहां अनोखी कृतियों की समीक्षा हो रही है, जिन्हें हिंसा या जबरदस्ती करने हासिल किया गया था।
फ्रांसीसी सांसदों ने पिछले साल एक विधेयक पारित करके पेरिस को पूर्व फ्रांसीसी उपनिवेश रहे बेनिन और सेनेगल की कलाकृतियों को वापस करने मंजूरी दी थी।
मैक्रों प्रशासन द्वारा कमीशन की गई एक विशेषज्ञ रिपोर्ट में फ्रांसीसी संग्रहालयों में लगभग 90 हजार अफ्रीकी कृतियों की गणना की गई, जिनमें से 70 हजार अकेले क्वाई ब्रैनली म्यूजियम में हैं। (Looted Heritage 130 Years)
तमाम अनूठी वस्तुएं औपनिवेशिक प्रशासकों, सैनिकों, डॉक्टरों ने हथियाकर अपने वंशजों को सौंप दिया था, जिन्होंने बाद में उन्हें यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका के संग्रहालयों को दान कर दिया।
कुछ मिशनरियों को मिले तोहफे या 20वीं शताब्दी की शुरुआत में अफ्रीकी कला संग्रहकर्ताओं की वैज्ञानिक अभियानों द्वारा खोजी गई कृतियां भी हैं।
अब बेनिन में संग्रहालय तैयार कर एक पूर्व पुर्तगाली किले सहित कई साइटों पर इन कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा।
बेनिन के पड़ोसी देश नाइजीरिया ने इस मौके पर कहा, पिछले महीने उसने जर्मनी के साथ सैकड़ों बेनिन कांस्य प्रतिमाओं की वापसी पर सहमति समझौता किया, जो 16वीं से 18वीं शताब्दी के बीच नाइजीरिया में प्राचीन बेनिन साम्राज्य के महल से चुराई गई थीं। (Looted Heritage 130 Years)
कला इतिहास के बेनिनीस प्रोफेसर डिडिएर मार्सेल हौएनौडे की नजर में ऐतिहासिक कलाकृतियों की वापसी “सम्मान की बहाली है”।
उनका कहना है कि इन चीजों से पीढ़ी दर पीढ़ी स्मृति का पुनर्निर्माण होता है। इससे सिर्फ यह पता नहीं चलता कि वस्तुओं को लूटा गया, बल्कि यह समझ में आता है कि कई पीढ़ियों की स्मृति लूटी गई।”