द लीडर : हरियाणा के गुरुग्राम में प्रशासन द्वारा तय खुले मैदान में जुमे की नमाज अदा करने का विरोध जारी है. शुक्रवार को फिर से हिंदूवादी संगठनों ने नमाज स्थल के पास विरोध-प्रदर्शन किया. हिंदूवादी संगठन खुले में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की जिद पर अड़े हैं. और अब हर शुक्रवार को विरोध का सिलसिला चल पड़ा है. इस दावे और आशंका के साथ कि यहां नमाज पढ़ने आने वाले आतंकवादी हो सकते हैं. (Gurugram Friday Prayers News)
गुरुग्राम में 2018 में ये विवाद शुरू हुआ था. तब हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोग खुले में नमाज का विरोध करने उतरे थे. विवाद बढ़ने पर प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कुछ स्थान चिन्हित किए. जहां मुस्लिम समुदाय को जुमे की नमाज अदा करने की इजाजत पर सहमति बनी थी. लेकिन अब तीसरे 2021 में फिर से ये विवाद ताजा हो गया है.
शुक्रवार को सेक्टर-47 में नमाज का विरोध करने पहुंचे हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग हाथ में पोस्टर लिए थे. जिसमें लिखा था कि, नमाज मस्जिद में अदा करो. बाहरी लोग सेक्टर में नमाज बंद करो.
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इस साल अक्टूबर माह में लगातार नमाज का विरोध हो रहा है. इस आरोप के साथ कि बाहरी लोग नमाज अदा करने आते हैं. और इससे इलाके में अशांति का खतरा है. (Gurugram Friday Prayers News)
नमाज बंद कराने को लेकर नमाजियों से महिला असुरक्षा, हिंसा, छेड़खानी और अपराध में बढ़ोत्तरी तक के तर्क गढ़े और दिए जा रहे हैं. यहां तक कहा जा रहा है कि यहां नमाज अदा करने आने वाले में आतंकी भी हो सकते हैं. जिससे आम लोग इत्तेफाक नहीं रखते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस में गुरुग्राम जमीयत उलमा के अध्यक्ष मुफ्ती मुहम्मद सलीम का एक बयान प्रकाशित है. जिसमें वह कहते हैं कि-इलाके में 13 मस्जिदें हैं. जबकि मुसलमानों की आबादी 5 लाख से ज्यादा है. इसलिए मस्जिदों में नमा जियों के लिए जगह कम पड़ जाती है. मजबूरन खुले में नमाज अदा करनी पड़ती है.
आमातौर पर यहां बाहरी मजदूर और कामकाजी लोग नमाज अदा करने आते हैं, जो बमुश्किल 15-20 मिनट के बाद चले जाते हैं. प्रशासन के अनुरोध पर तय स्थान से 150 मीटर दूरी पर नमाज अदा कर रहे हैं.
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बहरहाल, जिस तरीके से गुरुग्राम में हर शुक्रवार को नमाज को लेकर बखेड़ा खड़ा होने लगा है. उससे एक और विवाद के पैदा होने की आशंका जरूर बन गई है. जो पुलिस-प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है. (Gurugram Friday Prayers News)