द लीडर : जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं. उनके साथ ही गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी (MLA Jignesh Mevani) भी आएंगे. 28 सितंबर नहीं बल्कि 2 अक्टूबर को ये दोनों धुरंधर कांग्रेस का हाथ थामेंगे. दोनों की एक खासियत है. युवा हैं. जुझार, उच्च शिक्षित और शानदार वक्ता भी. इसके अलावा मोदी-शाह की राजनीति के तीखे निंदक हैं. (Kanhaiya Kumar Jignesh Mevani)
अगले साल यूपी समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर कांग्रेस युवा नेताओं की एक टीम तैयार कर रही है. जिसमें कन्हैया और जिग्नेश का नाम सबसे ऊपर है.
कन्हैया कुमार बिहार से आते हैं. 2019 में अपने गृह जनपद बेगुसराय से लोकसभा का चुनाव लड़े थे. जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह से हार का सामना करना पड़ा. वह कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से जुड़े हैं.
इसे भी पढ़ें- UP : मनी लांड्रिंग मामले में आजम खान से पूछताछ करने सीतापुर जेल पहुंची ईडी
वहीं, जिग्नेश मेवाणी का ताल्लुक गुजरात से है. वडगाम विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं. अपने क्षेत्र में काफी सक्रिय रहते हैं. मेहसाना जिले के मेऊ गांव में एक दलित परिवार में पैदा हुए जिग्नेश ने गुजरात यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है. राजनेता के साथ ही वकील और पत्रकार भी हैं.
गुजरात में भी अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में जिग्नेश का कांग्रेस का हाथ पकड़ना, राज्य में उसे ताकत देगा. इसलिए भी क्योंकि हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी, दोनों ही गुजरात के सबसे चर्चित युवा नेता हैं. जनता पर इनकी बातें गहरा असर डालती हैं.
जिग्नेश दलितों के मुद्दों को लेकर गुजरात में लगातार विरोध दर्ज कराते रहते हैं. एक तरीके से वह अपने क्षेत्र में राजनीतिक बदलाव की शानदार इबारत गढ़ने में लगे हैं. जहां शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार उनकी प्राथमिकताओं में नजर आता है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी, दोनों ही पार्टी में युवा नेताओं को तरजीह दे रहे हैं. कन्हैया कुमार की राहुल गांधी से मुलाकात भी हो चुकी है. पहले ये चर्चा थी कि दोनों नेता 28 सितंबर को कांग्रेस ज्वॉइन करेंगे.
इसे भी पढ़ें -गुजरात मॉडल : हिरासत में 2 साल के अंदर 157 लोग मारे गए-कासिम की मौत पर कठघरे में पुलिस
चूंकि दोनों नेता क्रांतिकारी स्वभाव हैं. जेएनयू में कन्हैया कुमार देश विरोधी नारेबाजी के आरोपों में घिरे रहे हैं. इसको लेकर उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. इसलिए इनकी ज्वॉइनिंग के लिए गांधी जयंती का दिन चुना गया है.