द लीडर हिंदी। म्यांमार में कोरोना काल के बाद एक दम से हालात बेकाबू हो चले है. एक तरफ जहां कोरोना अपना कहर बरपा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ म्यांमार में अब आर्थिक संकट मंडराने लगा है. बता दें कि, म्यांमार में 6 महीने पहले सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद भीषण आर्थिक संकट आ गया है. म्यांमार में फिलहाल कैश की काफी कमी है. आलम यह है कि, कैश निकालने के लिए स्थानीय लोगों को सुबह तीन बजे से ही एटीएम के पास लाइन में खड़ा होना पड़ता है. कैश की इतनी ज्यादा कमी हो रखी है कि लोगों कई घंटे खड़े रहने के बाद भी पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं. बैंको और एटीएम में लोगों की लग रही भीड़ को कम करने के लिए हर दिन एटीएम में पैसे भी भरे जा रहे हैं. पर इसका फायदा अभी तक नहीं हुआ है.
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कामगरों और कर्जदाताओं का भी नहीं हो पा रहा भुगतान
कैश की कमी और आर्थिक संकट को देखते हुए म्यांमार में स्थानीय लोगों को हर दिन 9 हजार रुपये प्रति व्यक्ति निकालने की इजाजत दी गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार में आर्थिक संकट का असर साफ दिखाई पड़ता है. कैश की कमी के कारण लोग खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं. व्यापारी भी अपने कामगरों और कर्जदाताओं का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. म्यांमार की करेंसी क्याट का मूल्य भी डॉलर के मुकाबले 20 गुना गिर गया है. पूरे देश में 100 से भी कम एटीएम में कैश रहता है. मुद्रा की जमाखोरी के कारण कई व्यपारी डिजिटल पेमेंट बजाय नगद पैसे लेना चाहते हैं.
आर्थिक संकट से जूझ रहा देश
म्यांमार में अब वित्तीय संकट भी मंडराने लगा है. इसके अलावा करेंसी के दलाल 7 से 15% की कमीशन पर ऑनलाइन पेमेंट के बदले नगद पैसा देते हैं. म्यांमार की सेना के अधिकारी इन दलालों को संरक्षण प्रदान करते हैं. कई आर्थिक विशेषज्ञों ने बताया कि म्यांमार गंभीर वित्तीय संकट की ओर फंस रहा है. अंतरराष्ट्रीय क्राइसिस ग्रुप के वरिष्ठ सलाहकार रिचर्ड होर्से ने बताया कि गंभीर आर्थिक संकट के वजह से सरकार, बैंकों और अर्थव्यवस्था में लोगों का विश्वास कम होता जा रहा है. फौजी तख्ता पलट के बाद हिंसा में 945 लोगों की मौत हुई. ज्यादातर लोगों की जान सेना की गोलीबारी में हुई.
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ऑनलाइल पेमेंट पर रोक लगाने से संकट बढ़ा
सेना के खिलाफ चल रहे आंदोलन के कारण आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हुई है. सेना द्वारा ऑनलाइल पेमेंट पर रोक लगाने से संकट बढ़ गया है. इंटरनेट के भी ठप पड़ने से लोगों को कई तरह की परेशानियां हो रही हैं. म्यांमार में अगर जल्द आर्थिक संकट की समस्या ठीक नहीं हुई तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है. फिलहाल सरकार ने कहा है कि बहुत जल्द नोटों की समस्या दूर हो जाएगी और सबकुछ सामान्य हो जाएगा.
नगद धन की और ज्यादा कमी
म्यांमार के ग्रामीण इलाकों में नगद धन की और अधिक कमी है. किसान अनाज, सब्जियों के बदले दूसरा सामान लेते हैं. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के सामने लोग असहाय हैं. शहरों में लोग ऑक्सीजन खरीदने के लिए ऑनलाइन मोटरसाइकल,कैमरे जैसी वस्तुएं बेचते हैं. नागरिकों के खिलाफ सेना की हिंसक कार्रवाई के बाद जर्मन कंपनी गीसेके डेवरिएंट ने म्यांमार को मार्च में करेंसी नोट छापने से संबंधित सामान की सप्लाई रोक दी थी. जून से नए नोट चीनी कागज पर छपने लगे हैं. सरकार का कहना है कि, बहुत जल्द ही नोटों की कमी दूर हो जाएगी.
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