लखनऊ | भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने 5G तकनीक के उपयोग और एप्लीकेशन के लिए परीक्षण करने की अनुमति दे दी। आवेदक कंपनियों में एयरटेल, वोडाफोन आईडिया और जियो शामिल हैं.
अभी के लिए परीक्षणों की अवधि 6 महीने के लिए है। इसमें उपकरणों की खरीद और स्थापना के लिए 2 महीने की अवधि शामिल है.
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इससे पहले भारती एयरटेल और वोडाफोन ने चीन की हुआवेई कंपनी की तकनीक का उपयोग कर परीक्षण करने का प्रस्ताव पेश किया था. बाद में उन्होंने हालांकि अपने आवेदन में कहा कि 5जी परिक्षण में वह चीन की किसी कंपनी की तकनीक की उपयोग नहीं करेगी.
कौन कौन सी कंपनियां है टेस्टिंग में शामिल ?
आवेदक कंपनियों में एयरटेल, वोडाफोन आईडिया और जियो शामिल हैं। अभी के लिए परीक्षणों की अवधि 6 महीने के लिए है. इसमें उपकरणों की खरीद और स्थापना के लिए 2 महीने की अवधि शामिल है.
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इससे पहले भारती एयरटेल और वोडाफोन ने चीन की हुआवेई कंपनी की तकनीक का उपयोग कर परीक्षण करने का प्रस्ताव पेश किया था.
बाद में उन्होंने हालांकि अपने आवेदन में कहा कि 5जी परिक्षण में वह चीन की किसी कंपनी की तकनीक की उपयोग नहीं करेगी.
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दस गुना बेहतर डाउनलोड स्पीड मिलेगी
दूरसंचार विंभाग के अनुसार 5जी तकनीक 4जी के मुकाबले में दस गुना बेहतर डाउनलोड स्पीड देने और स्पेक्ट्रम क्षमता में तीन गुना तक बेहतर रिजल्ट्स देने में सक्षम है.
चीनी कंपनियां 5जी परीक्षण का हिस्सा नहीं
दूरसंचार विभाग ने 5जी परीक्षण के लिए स्वीकृत दूरसंचार गीयर विनिर्माताओं की सूची में एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग, सी-डॉट और रिलायंस जियो की स्वदेशी रूप से विकसित टेक्नोलॉजीज शामिल हैं.
इसका का मतलब है कि चीनी कंपनियां 5जी परीक्षणों का हिस्सा नहीं होंगे.
हर इलाके में करना होगा ट्रायल
(DoT) की तरफ से यह स्पष्ट कहा गया है कि दूरसंचार कंपनियों को 5जी परिक्षण शहरी क्षेत्रों समेत ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों में भी करना होगा ताकि 5जी तकनीक का लाभ केवल शहरों में ही नहीं बल्कि देशभर में उठाया जा सके.
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