यहूदी भजन गाते हुए अल-अक़्सा मस्जिद में दाखिल हुए इसराइली मंत्री, मिडिल ईस्ट में भड़क सकती है जंग की आग

द लीडर हिंदी : जिस अल-अक़्सा मस्जिद के पीछे मिडिल ईस्ट के हालात खराब है. कभी भी जंग होने का बिगुल बच सकता है. ऐसे में इसराइल के धुर-दक्षिणपंथी और नेशनल सिक्योरिटी मामलों के मंत्री इत्तेमार बेन गिविर ने सैकड़ों यहूदियों के साथ यरूशलम के सबसे पवित्र स्थलों में से एक अल-अक़्सा मस्जिद में प्रवेश किया और प्रार्थना की.वो भी ऐसे समय में हुई है जब हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या के बाद इजरायल पर ईरान और लेबनान द्वारा हमले की आशंका बनी हुई है.बतादें इजरायली मंत्री मंगलवार की सुबह करीब 2200 दूसरे इजरायलियों के साथ यहूदी भजन गाते हुए परिसर से गुजरे. उनकी तरफ से ये ऐसे समय हुआ है जब गाजा युद्ध के चलते इजरायल-हमास में तनाव है.युद्धविराम के लिए जा रही कोशिश लगातार फेल हो रहे हैं. ऐसे में इस कदम की आलोचना ज्यादा हो रही है.

दरअसल, अल-अक्सा मस्जिद परिसर में यहूदियों के प्रार्थना करने पर प्रतिबंध है. यही वजह है कि बेन ग्वीर के अल अक्सा में प्रार्थना करने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद हो गया है. उनकी इस हरकत से युद्ध बढ़ने की आशंका बढ़ गई है.अल-अक़्सा मस्जिद के एक हिस्से को टेंपल माउंट के नाम से जाना जाता है जो कि यहूदियों का सबसे पवित्र स्थल भी है.इसराइली मंत्री के इस क़दम को फ़लस्तीन, अमेरिका, फ़्रांस और सऊदी अरब समेत कई देशों और संयुक्त राष्ट्र ने भी उकसाने वाला बताया है और इसकी निंदा भी की है.हालांकि इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के ऑफ़िस ने कहा है कि अल अक़्सा मस्जिद में प्रार्थना की स्थिति पर कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. वहां केवल मुस्लिमों को ही प्रार्थना करने की अनुमति है.इसराइली सरकार ने अल-अक़्सा मस्जिद में किसी भी और धर्म के प्रार्थना करने पर रोक लगाई हुई है.

यरूशलम की अल-अक़्सा मस्जिद यरूशलम के पूर्वी भाग में स्थित है. यह जगह मुसलमानों की तीसरी सबसे पवित्र जगह है. वहीं यह यहूदियों के लिए सबसे पवित्र जगह मानी जाती है.यहूदियों के लिए ‘टेंपल माउंट’ और मुसलमानों के लिए ‘अल-हराम अल शरीफ़’ के नाम से मशहूर पवित्र स्थल में ‘अल-अक़्सा मस्जिद’ और ‘डोम ऑफ़ द रॉक’ शामिल है.’डोम ऑफ़ द रॉक’ को यहूदी धर्म में सबसे पवित्र स्थल का दर्जा दिया गया है. पैग़ंबर मोहम्मद से जुड़े होने के कारण ‘डोम ऑफ़ द रॉक’ को मुसलमान भी पवित्र स्थल मानते हैं.इस धार्मिक स्थल पर ग़ैर-मुसलमानों की प्रार्थना पर पाबंदी लगी हुई है.बतादें बेन गिविर के इस कदम से पिछले साल सात अक्टूबर से शुरू हुई इजरायल और हमास की जंग अब और खतरनाक हो सकती है.https://theleaderhindi.com/shabbu-mian-manager-of-bareillys-world-famous-khanqah-e-niyazia-is-no-more-know-those-things-about-him-that-made-him-great/

Abhinav Rastogi

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