बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर शेख हसीना के बेटे ने कह दी ये बड़ी बात

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द लीडर हिंदी: ये कहना गलत नहीं होगा कि एक और मुल्क बर्बाद हो गया है. जो बांग्लादेश में हुआ उसने सभी को हिलाकर रख दिया.भले ही शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तेफा दे दिया हो. लेकिन बांग्लादेश में हिंसा का दौर अभी भी जारी है.यहां की आवाम हिंसा की आग में धधक रही है. बतादें शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हैं. प्रदर्शनकारी आवामी लीग के नेताओं और अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं. इन सबके बीच, प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे ने देश के सुरक्षा बलों से आग्रह किया कि वह सत्ता पर किसी भी तरह का कब्जा नहीं होने दें. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर संकट की स्थिति पर काबू नहीं पाया गया तो बांग्लादेश पाकिस्तान बन जाएगा.

बांग्लादेश में हालात बेकाबू
बांग्लादेश में भीषण आगजनी और हिंसा के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं. मिली जानकारी के मुताबीक बांग्लादेश की राजधानी ढाका के जतराबाड़ी, बड्डा, मोहम्मदपुर, अदाबार समेत कई पुलिस स्टेशनों पर रात भर हमले और लूटपाट हुई.सोमवार को कई थानों पर हमले हुए, कई जगहों पर गुस्साई भीड़ की पुलिस से झड़प भी हुई. कुछ थानों से पुलिसकर्मी भाग गए.वही मंगलवार की सुबह मोहम्मदपुर थाना मलबे के ढेर में तब्दील हो चुका. पुलिस स्टेशन परिसर में कई जली हुई कारें और फर्नीचर मिले.बतादें हालात बेकाबू होने के बाद पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया. अब अंतरिम सरकार बांग्लादेश का कार्यभार संभालेगी. इस बीच,पूर्व पीएम हसीना के बेटे साजीब वाजेद जॉय ने पुलिस, बांग्लादेश के सीमा सुरक्षाबल (बीजीबी) और सेना से संविधान बनाए रखने का आह्वान किया. साथ ही किसी भी अनिर्वाचित सरकार को सत्ता में नहीं आने देने का अनुरोध किया. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने पर बांग्लादेश के 15 साल की प्रगति खतरे में पड़ सकती है और संभावित रूप से देश पाकिस्तान के रास्ते पर जा सकता है, जो भविष्य में खतरनाक होगा.

‘आतंकवाद से सत्ता हासिल नहीं की जा सकती’
बता दें पूर्व पीएम के बेटे ने विरोध-प्रदर्शनों की भी निंदा की. साथ ही इस हिंसा को आतंकवाद करार दिया. उन्होंने कहा, ‘हिंसा और हत्याओं से सत्ता हासिल नहीं की जा सकती. जब पुलिस की हत्याएं होती हैं, निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जाता है, घरों में आग लगा दी जाती है और पत्रकार मारे जाते हैं तो यह विरोध नहीं होता बल्कि आतंकवाद में बदल जाता है. आतंकवाद से केवल एक ही तरीके से लड़ा जा सकता है. मैं अनुरोध करता हूं कि हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने बहुत धैर्य दिखाया है. हालांकि, इसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.https://theleaderhindi.com/america-said-on-sheikh-hasinas-political-asylum-dont-know-whether-she-has-asked-for-it-or-not/