द लीडर हिंदी : मुंबई के पाली हिल में समुद्र के किनारे बसे बंगले के दर-ओ-दीवार दिलीप साहब की न भुलाई जा सकने वाली बेगिनती यादों के गवाह हैं. जहां जाने वाला चाहे कोई हो खाने के वक़्त पर बग़ैर खाए कभी नहीं लौटा. दिलीप साहब हाथ पकड़कर बैठा लिया करते थे. भूख नहीं भी लग रही हो तो एक-दो रोटी खिला ही देते थे…