मथुरा जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की ये अहम याचिका

द लीडर हिंदी : मथुरा जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष को आज तगड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की 18 याचिकाओं को खारिज करने की मांग की थी. जबकि हिंदू पक्ष ने अपनी याचिका में वहां पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की थी.दरअसल मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वामित्व को लेकर दाखिल सिविल वादों को पोषणीय माना तथा मस्जिद पक्ष की अर्जियां खारिज कर दीं. बता दें मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत ने की. हाईकोर्ट में 12 अगस्त से सिविल वादों की सुनवाई शुरू होगी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल सिविल वाद पोषणीय है. झटके पर झटका खा रही ईदगाह कमेटी अब हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. मुस्लिम पक्ष की तरफ से सभी सिविल वादों की पोषणीयता को लेकर दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन अदालत ने दिन प्रतिदिन लंबी सुनवाई की थी.इसके बाद जून में फैसला सुरक्षित कर लिया था. बृहस्पतिवार को फैसला सुनाया गया. केस की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी.

जानें मस्जिद पक्ष ने क्या दी थी दलील
आपको बताते चले मस्जिद पक्ष की तरफ से प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, मियाद कानून और वक्फ संपत्ति होने के आधार पर यह कहा गया था कि सिविल कोर्ट को वाद सुनने का अधिकार नहीं है. मंदिर पक्ष ने इन आपत्तियों को निराधार बताया था.वही भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव सहित 18 सिविल वादों में 15 की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने की थी. यह लगभग एक ही प्रकृति के थे.

31मई 2024 को कोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया था. लेकिन मस्जिद पक्ष से अधिवक्ता महमूद प्राचा ने सुनवाई के अधिकार की मांग की. इसे स्वीकार कर छह जून को भी मामला सुना गया.श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट मथुरा सहित 18 पक्षकारों ने वाद दायर किया था. जिला न्यायालय मथुरा से इन वादों को मंगाकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चलाए जाने का आदेश 26 मई 2023 में हाईकोर्ट ने ही दिया था. इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उक्त याचिका पर कोई स्टे नहीं दिया. इसके बाद उच्च न्यायालय इलाहाबाद में सुनवाई हुई 18 अक्टूबर 2023 को पहली सुनवाई की गई.https://theleaderhindi.com/iran-shocked-by-the-death-of-ismail-haniya-israeli-army-revealed-another-secret-supreme-leader-gave-this-order/

Abhinav Rastogi

Related Posts

बरेली में केलाडांडी का माहौल जांचने पहुंचे डीएम-एसएसपी

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में जुमे के दिन जिस केलाडांडी गांव में मस्जिद बनाम विवादित स्थल का तनाज़ा खड़ा हुआ, वहां माहौल का जायज़ा लेने के लिए…

बरेली में बिना रंजिश क्यों क़त्ल किए गए सेना के रिटायर्ड माली

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में कैंट के मिलिट्री डेयरी फॉर्म के पास झोंपड़ीनुमा कमरा बनाकर रहने वाले बुज़ुर्ग रिटायर्ड माली की लाश मिली है. तब जबकि उन्हें…